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गाज: नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी दूसरी बार हुए निलंबित
- राज्यपाल रमेश बैस का फैसला
- लिखित जवाब से संतुष्ट नहीं
- इसलिए निलंबन की कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने डॉ. सुभाष चौधरी की जांच पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करने के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने डॉ. चौधरी को उनका बयान सुनने के लिए राज्यपाल कार्यालय में बुलाया था। इसके चलते डॉ. चौधरी ने अपना लिखित जवाब पेश कर दो दिन का मेडिकल अवकाश मांगा, लेकिन डॉ. चौधरी द्वारा दिए गए लिखित जवाब से संतुष्टि नहीं होने से गुरुवार को राज्यपाल ने डाॅ. चौधरी को दूसरी बार निलंबित किया है। डॉ. सुभाष चौधरी के खिलाफ कई शिकायतों पर राज्यपाल ने जांच कमेटी गठित की थी। इसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने यह कार्रवाई की है।
इसके पहले भी निलंबित किया था : बता दें कि, इसके पहले भी राज्यपाल ने 21 फरवरी को डॉ. चौधरी को निलंबित कर दिया था। डाॅ. चौधरी के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए नियुक्त उच्च तकनीकी शिक्षा के उप सचिव अजीत बाविस्कर की समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल रमेश बैस को सौंपी थी। समिति के इस रिपोर्ट में बताया गया कि कुलगुरु डॉ. चाैधरी ने अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है और एमकेसीएल को लेकर सरकार के आदेशों की अनदेखी की है। इस रिपोर्ट के बाद राज्यपाल ने कुलगुरु डॉ. चौधरी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की थी।
कोर्ट ने डॉ. चौधरी को राहत दी थी : राज्यपाल के फैसले के विरोध में डॉ. चौधरी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने डॉ. सुभाष चौधरी की याचिका मंजूर करते हुए राज्यपाल द्वारा दिया गया निलंबन का फैसला रद्द किया था।
11 अप्रैल को चौधरी ने कार्यभार संभाला था : हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद डॉ. चौधरी ने 11 अप्रैल को छूट्टी होने के बाद भी नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु का कार्यभार संभाला था।
फिर से जांच बैठाई गई : लेकिन कार्यभार संभालते ही उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा डॉ. चौधरी पर जांच बैठाई गई। विभाग के उप सचिव अशोक मांडे समिति द्वारा यह जांच पूरी की गई। जैसे ही उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपी गई वैसे ही पत्र भेजते हुए डॉ. सुभाष चौधरी से कमेटी की रिपोर्ट पर जवाब मांगा गया था।
जांच पर अंतरिम रोक नहीं, इसके बाद हुआ निबंलन : डॉ. चौधरी ने हाई कोर्ट में जांच प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिका दायर की। लेकिन कोर्ट ने इस मामले में डॉ. चौधरी की जांच पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसलिए राज्यपाल ने जांच के लिए बुलाया था। डॉ. चौधरी के लिखित जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर राज्यपाल ने डॉ. चौधरी को इस्तीफा देने को कहा था। हालांकि, चौधरी के इस्तीफा देने से इनकार करने पर राज्यपाल ने गुरुवार को उन्हें निलंबित कर दिया।
Created On :   5 July 2024 11:43 AM IST