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घपला: एनडीसीसी बैंक घोटाला : सुनील केदार के खिलाफ राज्य के महाधिवक्ता रखेंगे पक्ष
- एनडीसीसी घोटाले की सजा पर राेक का मामला
- राज्य सरकार को नोटिस जारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एनडीसीसी बैंक घोटाले के दोषी एवं बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री सुनील केदार ने घोटाले में हुए सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इस मामले में अब केदार के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता बिरेंद्र सराफ पक्ष रखेंगे।
5 साल की सजा हुई : एनडीसीसी बैंक के 170 करोड़ रुपए घोटाले के मामले में अतिरिक्त मुख्य न्याय दंडाधिकारी ने 22 दिसंबर 2023 को बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष सुनील केदार, बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चौधरी, केतन सेठ, अमित वर्मा, सुबोध भंडारी और नंदकिशोर त्रिवेदी को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा और 12.50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। इस फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती देते हुए केदार सहित अन्य दोषियाें ने जमानत की मांग की थी। कोर्ट ने सबसे पहले सुनील केदार की जमानत अर्जी नामंजूर की थी, लेकिन बाॅम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने केदार की जमानत मंजूर की। अब सुनील केदार ने सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दायर करने के आदेश दिए थे।
अगली सुनवाई 24 जून को : पिछली सुनवाई में सरकार ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में सरकार एक विशेष सरकारी वकील नियुक्त करना चाहती है। इसके लिए उन्हें समय सीमा चाहिए। इस पर कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 20 जून को तय की थी। मामले पर गुरुवार को न्या. उर्मिला जोशी-फलके के समक्ष सुनवाई हुई। तब राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में सरकार की ओर महाधिवक्ता बिरेंद्र सराफ पक्ष रखने की जानकारी दी गई। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 24 जून को रखी है। केदार की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एस. के. मिश्रा और एड. विराट मिश्रा पैरवी कर रहे हैं।
इसलिए केदार ने दायर की अर्जी : जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत दो साल से ज्यादा सजा होने पर विधायक और सांसद की सदस्यता रद्द करने का प्रावधान है। केदार की विधायकी रद्द कर दी गई है, क्योंकि उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई है। इतना ही नहीं, नियमों के मुताबिक वे अगले छह साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस साल राज्य में अक्टूबर या नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। अगर उनकी सजा पर रोक लगाई जाती है, तो उन्हें अपनी विधायक सीट वापस मिल जाएगी और वह चुनाव भी लड़ सकेंगे, इसलिए केदार ने अर्जी दायर करते हुए सजा पर रोक लगाने की कोर्ट से मांग की है। दूसरी ओर सरकार ने केदार को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है।
Created On :   21 Jun 2024 10:23 AM GMT