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पहल: नागपुर यूनिवर्सिटी में बौद्धिक संपदा अधिकारों पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
- 120 से अधिक शोधकर्ताओं और छात्रों की सहभागिता
- पेटेंट खरीद, प्रवर्तन और मुकदमे के विभिन्न पहलुओं पर मंथन
- विशेषज्ञ वक्ताओं और भाग लेने वाले शोधकर्ताओं ने की चर्चा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में अनुसंधान एवं विकास सेल और आयक्यूएसी की संयुक्तता से बौद्धिक संपदा अधिकार (पेटेंट और औद्योगिक डिजाइन) पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। गणित विभाग के रामानुजन हॉल में इस राष्ट्रीय कार्यशाला में 120 से अधिक शोधकर्ताओं और छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया था। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पेटेंट खरीद, प्रवर्तन और मुकदमे के विभिन्न पहलुओं का पता लगाना था। कार्यशाला में विज्ञान और आईपीआर विशेषज्ञों की मदद से बौद्धिक संपदा के अवलोकन से लेकर अंतरराष्ट्रीय फाइलिंग रणनीतियों, अनुदान-पूर्व और अनुदान-पश्चात् विरोध प्रक्रियाओं से लेकर उपयोगिता और डिजाइन पेटेंट तक के विषयों को शामिल किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में चर्चा के दौरान विशेषज्ञ वक्ताओं और भाग लेने वाले शोधकर्ताओं ने एक-दूसरे के साथ बातचीत की। कार्यशाला ने शोधकर्ताओं को बौद्धिक संपदा की जटिल पंजीकरण प्रक्रिया के लिए आवश्यक मूल्यवान ज्ञान और कौशल प्रदान किया।
कार्यशाला में नवाचार और आर्थिक विकास के लिए निरंतर सीखने और नेटवर्किंग के महत्व पर प्रकाश डाला गया। उद्घाटन सत्र में पेटेंट एवं डिज़ाइन के उप नियंत्रक निर्मल्य सिन्हा (आरजीएनआईआईपीएम) मुख्य अतिथि थे। सीएसआईआर-नीरी के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. राजेश बिन्नीवाले ने अनुसंधान चिकित्सकों के लिए पेटेंट के महत्व पर व्याख्यान दिया। पेटेंट एजेंट मानसी पुसदकर ने पेटेंट एजेंट और गैर-पेटेंट योग्य आविष्कारों पर व्याख्यान दिया। डॉ. प्रीति तायडे ने पेटेंट विशिष्टताओं पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर आईक्यूएसी निदेशक डाॅ. स्मिता आचार्य उपस्थित थे।
इन पर हुई चर्चा : दूसरे दिन पेटंट ऍटर्नी अर्घ्य रॉय और डॉ. उषोशी गुहा ने पेटेंट दावे का मसौदा तैयार करना, पेटेंट दाखिल करने की प्रक्रिया, पीसीटी और पेटेंट खोज पर चर्चा की गई। तीसरे दिन सहायक पेटेंट कुमार राजू ने अनुदान-पूर्व और अनुदान-पश्चात विरोध पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक व्याख्यान दिया। पेटेंट परीक्षक पूजा मौलिकर ने पेटेंट खोज पर मार्गदर्शन किया। चौथे दिन विधि विभाग के प्रमुख डाॅ. पायल ठावरे ने कॉपीराइट संरक्षण और अनुसंधान पर चर्चा की। भारत सरकार के एमएसएमई निदेशक राहुल मिश्रा ने एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए पेटेंट पर व्याख्यान दिया। स्वप्नील गवांडे ने पेटेंट व्यावसायीकरण, शर्तों और पेटेंट नवीनीकरण पर मार्गदर्शन किया।
दिए गए प्रमाणपत्र : कार्यशाला के अंतिम दिन एमएनएलयू नागपुर के डाॅ. रागिनी खुबालकर द्वारा कॉपीराइट और साहित्यिक चोरी और अनुश्री मुक्ते ने उपयोगिता पेटेंट पर मार्गदर्शन किया। समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर वीएनआईटी नागपुर के रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. अनुपमा कुमार उपस्थित थे। उनके हाथों से प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
Created On :   30 March 2024 4:46 PM IST