- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- जीरो माइल जीर्णाेद्धार आरंभ ,...
Nagpur News: जीरो माइल जीर्णाेद्धार आरंभ , नियोजन समिति से 27 लाख रुपए आवंटित
- 3 माह के भीतर काम पूरा करने के निर्देश
- अनदेखी व लापरवाही से बदहाल हुआ ऐतिहासिक स्मारक
- नए रूप में जीरो माइल नजर आने की उम्मीद
Nagpur News लंबे समय से प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही को झेल रहे प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक जीरो माइल का आखिरकार जीर्णोद्धार आरंभ कर दिया गया है। जिलाधिकारी डॉ विपिन ईटनकर के प्रयासों से जिला नियोजन समिति से जीर्णाेद्धार के लिए 17 लाख रुपए की राशि को आवंटित किया गया है। लोकनिर्माण विभाग की ओर से ठेका एजेंसी एस ए जैन को जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी दी गई है। ठेका एजेंसी को 3 माह के भीतर काम को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। लंबे समय से महानगरपालिका और जिला प्रशासन की ओर से स्मारक की देखभाल में लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में स्मारक अनदेखी के चलते बुरी अवस्था में पहुंच गया था। अब भी स्मारक को देखने के लिए देश भर से नागरिक पहुंचते है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही से बुरी हालत हो गई थी। अब तीन माह में जीर्णाेद्धार के बाद नए रूप में जीरो माइल नजर आने की उम्मीद बंध गई है।
उपराजधानी की अनूठी पहचान के रूप में जीरो माइल भी शुमार होता है। जीरो माइल स्टोन (आईएसओ शून्य मील का पत्थर) को अंग्रेज शासनकाल में साल 1907 में शहर में बनाया गया था। ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिकल सर्वे ऑफ इंडिया के दौरान अंग्रेजों द्वारा निर्मित स्मारक है। ज़ीरो माइल स्टोन को बलुआ पत्थर से एक स्तंभ और चार प्लास्टर घोड़े को बनाया गया है। स्तंभ के शीर्ष की ऊंचाई 310.94 मीटर (1,020.17 फीट) बनाई गई है। देश के भौगोलिक केंद्र 3 माह के भीतर काम को पूरा करने का निर्देशके रूप में स्मारक बिंदु उपयोग कर सभी नौ प्रमुख महानगरों का केंद्र माना गया है। इन महानगरों में अहमदाबाद, बंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, कोच्चि, मुंबई, कोलकाता, नई दिल्ली और पुणे का समावेश है।
जीपीएस की पहचान पर जोर : करीब 5 साल पहले से मेट्रो रेल की ओर से वाकिग स्ट्रीट को जीरो माइल के समीप से तैयार किया जाना था, ऐसे में परिसर की दुकानों समेत अन्य अतिक्रमण को हटाया गया था। हालांकि इसके बाद से प्रशासन की ओर से देखभाल को लेकर अनदेखी होने लगी है। स्मारक के आसपास जंगली पेड़ और घास ऊग गई थी। स्मारक के मूल आधार जीपीएस (ग्राऊंड पोजिशनिंग स्टोन) की बजाय स्तंभ और घोड़े ही नजर आ रहे है। जीर्णाेद्धार के तहत स्तंभ और घोडे के पत्थरों की दुरूस्ती, रंगरोगन, पाथ वे और सेल्फा प्वाइंट को तैयार किया जाएंगा।
3 माह में काम पूरा होगा : शहर की प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक के रूप में जीरो माइल का शुमार होता है। बलुआ पत्थर और पुरातत्व से जुड़ी सामग्री की सहायता से जीर्णोद्धार बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बरसात के चलते काम को आरंभ करने में देरी हुई है, लेकिन ठेका एजेंसी को पूरी सावधानी के साथ 3 माह में काम को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। -अभिजीत कुचेवार, कार्यकारी अभियंता, लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1
Created On :   3 Oct 2024 5:08 PM IST