Nagpur News: विधान परिषद की खाली सीटाें पर शहर के भाजपा नेताओं की नजर

विधान परिषद की खाली सीटाें पर शहर के भाजपा नेताओं की नजर
  • जिले में विधान परिषद की दो सीटें रिक्त
  • कार्यकर्ताओं की भाजपा में कतार
  • कार्यकर्ताओं के माध्यम से नाम सामने कर रहे

Nagpur News जिले में विधान परिषद की दो सीटें रिक्त हैं। फिलहाल इनके लिए चुनाव के कोई साफ संकेत नहीं है। चंद्रशेखर बावनकुले व प्रवीण दटके के विधानसभा सदस्य चुने जाने से रिक्त हुई इन सीटों के लिए चुनाव के केवल अनुमान लगाए जा रहे हैं, लेकिन इनके लिए उम्मीदवारी पाने के प्रयास भी कम नहीं हो रहे हैं। इन सीटों के लिए स्वयं को सबसे अधिक योग्य दर्शाते कार्यकर्ताओं की भाजपा में कतार सी है।

कुछ नेताओं ने अपनी इच्छा वरिष्ठों के समक्ष व्यक्त कर दी है। कुछ नेता कार्यकर्ताओं के माध्यम से अपने नाम आगे बढ़ा रहे हैं। दटके विधानपरिषद के लिए विधायक प्रतिनिधि के तौर पर निर्विरोध जीते थे। इस बार माना जा रहा है कि उनके स्थान पर राज्य के किसी अन्य क्षेत्र के पदाधिकारी को मौका मिल सकता है, लेकिन बावनकुले विधानपरिषद की नागपुर स्थानीय निकाय संस्था के प्रतिनिधि के तौर पर चुने गए थे। निकाय संस्था के तहत मनपा, जिप, नप व पंचायत समिति के सदस्य मतदान करते हैं। मनपा में दो वर्ष से चुनाव लंबित है। जिला परिषद में कांग्रेस की सत्ता है। जिले की सभी नगरपरिषदों के चुनाव भी नहीं हो पाये हैं। इसलिए तय है कि मनपा व नप चुनाव के बाद ही विधानपरिषद की निकाय संस्था सीट का चुनाव होगा।

दावेदार और दावे : विधानपरिषद की स्थानीय निकाय संस्था सीट की उम्मीदवारी के लिए भाजपा में कई नाम चर्चा में लाये जा रहे हैं। इनमें संदीप जोशी, दयाशंकर तिवारी, विक्की कुकरेजा, संदीप गवई, बंटी कुकडे, संजय भेंडे, सुधाकर कोहले से लेकर राजू पारवे के नाम शामिल है। सबके समर्थन में अलग अलग दावे सामने आ रहे हैं।

विधानपरिषद की नागपुर स्नातक सीट से पराजित हुए संदीप जोशी ने पश्चिम नागपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव की तैयारी की थी। उम्मीदवारी नहीं मिलने पर उनके समर्थकों ने खुलकर असंतोष व्यक्त किया था। नारेबाजी की थी। महापौर व मनपा में स्थायी समिति के सभापति रहे जोशी के समर्थकों का कहना है कि वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर जोशी को राज्य की राजनीति में स्थान मिलना चाहिए।

दयाशंकर तिवारी के समर्थकों का दावा जोशी समर्थकों से मिलता-जुलता है। तिवारी का नाम भी पश्चिम नागपुर विधानसभा क्षेत्र में चर्चा था। वे मध्य नागपुर से एक बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। महापौर व स्थायी समिति सभापति रहे हैं। तिवारी के समर्थन में हिंदी भाषी नेतृत्व का विषय भी सामने लाया जाता रहा है।

कुकरेजा समर्थकों का कहना है कि पिछली बार उन्हें ही उम्मीदवारी दी जा रही थी। जिला परिषद सदस्यों से संपर्क आरंभ कर दिया गया था, लेकिन बावनकुले को उम्मीदवारी दी गई। कुकरेजा उत्तर नागपुर में भाजपा के बड़े नेता हैं। मनपा उत्तर नागपुर में भाजपा की ताकत बढाने के लिए कुकरेजा के नेतृत्व को महत्व देना होगा।

संदीप गवई विधानसभा व विधानपरिषद का चुनाव लड़ चुके हैं। बंटी कुकड़े शहर में संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं। संजय भेंडे लंबे समय से विधानपरिषद की उम्मीदवारी से चूक रहे हैं। विधानसभा चुनाव में पारवे की उमरेड से उम्मीदवारी वापस लेते समय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वादा किया था कि पारवे को सत्ता का पद मिलेगा। कोहले समर्थकों को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव के समान विधानपरिषद चुनाव में भी कोहले को उम्मीदवारी मिलेगी।


Created On :   3 Jan 2025 12:22 PM IST

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