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Nagpur News: सर्दी का असर- त्वचा विकार से 25 फीसदी पीड़ित, ध्यान नहीं देने से बढ़ती हैं ऐसी समस्याएं
- सर्दी का मौसम चल रहा है
- सर्वाधिक असर त्वचा पर होता है
- त्वचा की सुरक्षा के उपाय जरूरी
Nagpur News : बदलते मौसम के साथ शरीर काे स्वस्थ रखने के लिए खानपान, जीवनशैली से लेकर पहनावे तक का ध्यान रखना जरूरी होता है। फिलहाल सर्दी का मौसम चल रहा है। इस मौसम का सर्वाधिक असर त्वचा पर होता है। सर्दियों में त्वचा के कई विकार सामने आते हैं। समय रहते त्वचा की सुरक्षा के उपाय नहीं किये गए, तो बीमारी बढ़ जाती है। वर्तमान में मेडिकल के त्वचा रोग विभाग में आने वाले 25 फीसदी मरीज सर्दियों के कारण होनेवाले त्वचा विकार से पीड़ित पाए जा रहे हैं। वहीं अपनी मर्जी से दवा, क्रीम व लोशन लेना भारी पड़ सकता है।
इस तरह होता है असर
मेडिकल के त्वचा रोग विभाग की हर रोज की ओपीडी औसत 250 है। इनमें से 25 फीसदी यानि 62 से अधिक मरीज सर्दियों के कारण होने वाले त्वचा विकार से पीड़ित पाए जा रहे हैं। इनमें सामान्य व असामान्य दोनों तरह की समस्याएं दिखाई देती हैं।
सामान्य विकारों पर ध्यान नहीं देने से बढ़ती हैं ऐसी समस्याएं
रैशेज: सर्दियों में होने वाले रैशेस त्वचा को खराब कर सकते हैं। इसकी पहचान लाल, खुजलीदार, पपड़ीदार और चिड़चिड़ी त्वचा होना है। यदि रैशेज छाले और फफोले में परिवर्तित होते हैं, तो यह गंभीर स्वरूप माना जाता है। इससे बचने शुरू से ही त्वचा को हाइड्रेट व मॉइश्चराइज करना जरूरी है।
सोरायसिस: सोरायसिस में त्वचा पपड़ीदार पैच, दरारें, जलन और सूजन हो सकती है। यह अधिकतर सिर, कोहनी और घुटनों पर होता है। हालांकि यह पुरानी समस्या होती है। जो सर्दियों में बढ़ जाती है। दवाओं से इसका प्रभाव कम किया जाता है। जिन्हें सोरायसिस होता है, उन्हें सर्दियों में त्वचा का खास ख्याल रखना जरूरी होता है।
रोसैसिया: रासैसिया पीड़ित त्वचा पर लालिमा, छोटे-छोटे दानों और मवाद की समस्या होती है। इसमें चेहरे के टिश्यूज मोटे हो जाते हैं और रक्त वाहिकाएं नजर आने लगती हैं। ठंडा तापमान और रूखापन रोसैसिया की स्थिति को और खराब करता है। रोसैसिया से बचने के लिए अपनी मर्जी से दवा क्रीम या लोशन नहीं लेना चाहिए।
खुजली या एक्जिमा: सर्दियों के दिनों में त्वचा में खुजली या एक्जिमा आम समस्या है। दोनों में त्वचा शुष्क, लाल और पपड़ीदार होने लगती है। ठंडी हवा और रूखापन से यह और बढ़ जाता है। इसलिए इन दिनों त्वचा को हाइड्रेट रखना जरूरी होता है।
कोल्ड अर्टिकेरिया: यह सर्दियों में होनेवाली एलर्जी है। अधिक ठंड के संपर्क में आने से होती है। इन दिनों कुछ ठंडा खाने पर होठों पर सूजन, किसी ठंडी सतह या वस्तु को छूने पर हाथों में सूजन या खुजली जैसी समस्याएं कोल्ड अर्टिकेरिया के लक्षण हैं।
ड्राय स्किन: सर्दी के मौसम में त्वचा की नमी कम हो जाती है। इन दिनों ठंडी हवा के कारण त्वचा की प्रोटेक्टिव लेयर खत्म हो जाती है और त्वचा ड्राय होने लगती है। इस कारण त्वचा फटकर रूखी और बेजान होती है। ऐसे लक्षण दिखायी दें तो त्वचा को मॉयश्चराइज करना जरूरी होता है।
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- 19 Jan 2025 8:28 PM IST
25 फीसदी मरीज सर्दियों के कारण होनेवाले त्वचा विकार से पीड़ित
Nagpur News : बदलते मौसम के साथ शरीर काे स्वस्थ रखने के लिए खानपान, जीवनशैली से लेकर पहनावे तक का ध्यान रखना जरूरी होता है। फिलहाल सर्दी का मौसम चल रहा है। इस मौसम का सर्वाधिक असर त्वचा पर होता है। सर्दियों में त्वचा के कई विकार सामने आते हैं। समय रहते त्वचा की सुरक्षा के उपाय नहीं किये गए, तो बीमारी बढ़ जाती है। वर्तमान में मेडिकल के त्वचा रोग विभाग में आने वाले 25 फीसदी मरीज सर्दियों के कारण होनेवाले त्वचा विकार से पीड़ित पाए जा रहे हैं। वहीं अपनी मर्जी से दवा, क्रीम व लोशन लेना भारी पड़ सकता है।
इस तरह होता है असर
मेडिकल के त्वचा रोग विभाग की हर रोज की ओपीडी औसत 250 है। इनमें से 25 फीसदी यानि 62 से अधिक मरीज सर्दियों के कारण होने वाले त्वचा विकार से पीड़ित पाए जा रहे हैं। इनमें सामान्य व असामान्य दोनों तरह की समस्याएं दिखाई देती हैं।
Created On :   19 Jan 2025 8:20 PM IST