Nagpur News: समृद्धि हाईवे का हाल, 6 टोल प्लाजा मगर एक भी आरटीओ अधिकारी नहीं

समृद्धि हाईवे का हाल, 6 टोल प्लाजा मगर एक भी आरटीओ अधिकारी नहीं
  • हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता की निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत
  • दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न उपाय नाकाफी
  • आरटीओ विभाग समृद्धि महामार्ग की उपेक्षा कर रहा

Nagpur News समृद्धि हाईवे पर जानलेवा दुर्घटना और अपर्याप्त सुरक्षा उपायों के मुद्दे पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में एक जनहित याचिका प्रलंबित है। इस याचिका में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) दावा किया है कि, वह समृद्धि महामार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न उपायों को लागू कर रहा है।

याचिकाकर्ता ने खोली पोल : दूसरी ओर आज बुधवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में शपथ-पत्र दायर करते हुए बताया कि, नागपुर से निकलने पर इस महामार्ग पर पहले 250 किलोमीटर के 6 टोल प्लाजा में से किसी पर भी एक भी आरटीओ अधिकारी नहीं मिला। साथ ही याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि एक तरह से आरटीओ विभाग समृद्धि महामार्ग की उपेक्षा कर रहा है।

अदालत को बताया आंखों देखी : नागपुर खंडपीठ में अनिल वडपल्लीवार ने यह जनहित याचिका दायर की है। इस मामले में कोर्ट ने आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से समृद्धि महामार्ग का दौरा करें और निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करें। तदनुसार, याचिकाकर्ता ने समृद्धि महामार्ग का दौरा किया। 15 नवंबर को उन्होंने 500 किलोमीटर की यात्रा पूरी की, जिसमें 250 किलोमीटर जाना और 250 किलोमीटर वापस आना था। याचिका पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने शपथ-पत्र दायर करते हुए निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी प्रस्तुत की।

यह शपथपत्र समृद्धि महामार्ग के गंभीर विफलता को उजागर करता है। वाहनों की अनुपालन, टायर सुरक्षा या गति विनियमन की जांच के लिए छह टोल प्लाजा पर कोई आरटीओ अधिकारी या कर्मचारी मौजूद नहीं था। इसके अलावा, महामार्ग पर अपर्याप्त यात्री सुविधाओं पर भी प्रकाश डाला गया है। यह भी दावा किया गया है कि यात्रियों को शौचालयों की खराब स्थिति, विकलांगों के लिए पहुंच की कमी और गंदे होटलों के कारण परेशानी हो रही है। वहां एम्बुलेंस, प्राथमिक चिकित्सा किट और डिस्पेंसरी जैसी सुविधाएं भी नहीं थीं। याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भांडारकर ने पैरवी की।

एमडी को हाजिर रहने के आदेश : एमएसआरडीसी द्वारा समृद्धि महामार्ग पर किए गए उपायों के बारे पुरानी जानकारी देने के कारण कोर्ट ने कड़े शब्दों में नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा की हमें पुरानी जानकारी नहीं चाहिए। साथ ही कोर्ट ने इस मामले में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार 30 जनवरी को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने इस सुनवाई में एमएसआरडीसी के एमडी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित होने के मौखिक आदेश दिए हैं।

202 लोगों ने गंवाई थी जान : इस जनहित याचिका में हाईवे पुलिस के द्वारा शपथ-पत्र दायर किया गया था। शपथ-पत्र के मुताबिक, 11 दिसंबर 2022 से 31 अगस्त 2024 तक समृद्धि हाईवे पर कुल 2161 दुर्घटनाएं हुईं। इनमें से 115 घातक थीं। अब तक 202 लोगों ने जान गवाई है। 1,800 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें से 663 गंभीर और 1,134 मामूली घायल हुए। सबसे ज्यादा 829 दुर्घटनाएं नागपुर रेंज के अंतर्गत हुईं। इसमें 111 लोगों की मौत हुई।


Created On :   30 Jan 2025 3:42 PM IST

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