Nagpur News: अंतत: रितु मालू की गिरफ्तारी के लिए रात 10 बजे खुला कोर्ट

अंतत: रितु मालू की गिरफ्तारी के लिए रात 10 बजे खुला कोर्ट
  • सीआईडी ​​को शक था कि वह रात में भाग सकती है
  • इसलिए कोर्ट ने गिरफ्तारी की दी विशेष अनुमति
  • रामझूला पुल पर कार से दो मित्रों को कुचलने का मामला

Nagpur News नशे में तेजी से कार चलाकर रामझूले पर दो लोगों को कुचलने के आरोप में रितिका उर्फ रितु दिनेश मालू की जमानत बुधवार को सत्र न्यायालय ने रद्द की। साथ ही कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीआईडी को उसे गिरफ्तार करने की छूट दी थी। इसके पहले भी चूंकि रितु मालू 1 महीना लापता थी, इसलिए सीआईडी को शक था कि वह रात को ही भाग सकती है। इसलिए सीआईडी ने रितु मालू की गिरफ्तारी की विशेष अनुमति के लिए प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की कोर्ट में अर्जी की। मामले की गंभीरता को देखते हुए रात को 10 बजे कोर्ट खुला और रितु मालू की गिरफ्तारी की अनुमति दी। इसके बाद सीआईडी ने उसे देर रात को हिरासत में ले लिया।

इस कारण जांच सीआईडी के हवाले : इस हादसे में मारे गए मोहम्मद आतिफ के भाई शाहरुख जिया मोहम्मद ने इस संबंध में नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। तहसील पुलिस द्वारा इस मामले की जांच पारदर्शी तरीके से नहीं होने का दावा करते हुए याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि मामले की जांच सीआईडी को ट्रांसफर की जाए। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रामझूला कार हादसे की जांच सीआईडी को ट्रांसफर करने का आदेश दिया। इसके बाद एक ओर राज्य सरकार ने तहसील पुलिस द्वारा सत्र न्यायालय में अर्जी दायर करते हुए रितु मालू की जमानत रद्द करने की मांग की, तो दूसरी ओर मालू ने अर्जी दायर करते हुए पुलिस की अर्जी रद्द करने का कोर्ट से अनुरोध किया था। सोमवार 23 सितंबर को सत्र न्यायालय ने मालू की अर्जी खारिज कर दी थी। कोर्ट ने सीआईडी को जमानत रद्द करने के लिए कोई नई अर्जी किए बिना तहसील पुलिस के अर्जी में सुधार करने का निर्देश दिया था। साथ ही बुधवार 25 सितंबर को सत्र न्यायालय ने सीआईडी की अर्जी मंजूर करते हुए रितु मालू की जमानत रद्द की।

प्रक्रिया इस प्रकार हुई रामझूला दुर्घटना के बाद रितु मालू पहले भी करीब एक महीने तक लापता थी। मालू ने खुद स्वीकार किया है कि वह राजस्थान गई थीं। साथ ही उसने इस मामले में जांच एजेंसी के साथ सहयोग भी नहीं किया था। इसलिए, मालू के रात में ही फरार होने की संभावना जताते हुए सीआईडी ​​ने मांग की की अदालत उसे रात में गिरफ्तार करने की अनुमति दे। मामले पर प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी ए. वी. खेडकर-गरड के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट के सीअाईडी को गिरफ्तारी की अनुमति दी। इसके बाद सीआईडी ने मालू को रात करीब डेढ़ बजे उसके घर से हिरासत में लिया और सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे सुबह साढ़े पांच बजे गिरफ्तार दिखाया।

महिला को रात में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, लेकिन... नियमों के मुताबिक, किसी महिला को रात में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। हालाँकि, रितु मालू के भागने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, इसलिए सीआईडी ने मालू को रात में गिरफ्तार करने की प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी से विशेष अनुमति मांगी। अपवादात्मक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 46 के तहत सूर्यास्त के बाद और सूर्यास्त से पहले रितु मालू की गिरफ्तारी की अनुमति दी।

आखिर नहीं मिली पीसीआर सीआईडी को भी झटका: अदालती आदेश पर सीआईडी ने गुरुवार तड़के रितु मालू को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया गया। लंबे समय से वह गिरफ्तारी व जेल जाने से बचने के लिए कानून के साथ आंख-मिचौली खेल रही थी। पेशी के दौरान आरोपी का पीसीआर नहीं मिलने से तहसील पुलिस के बाद सीआईडी को भी तगड़ा झटका लगा है। वर्धमान नगर स्थित देशपंाडे ले-आउट निवासी आरोपी रितिका उर्फ रितु दिनेश मालू को गुरुवार की दोपहर करीब साढ़े तीन बजे के दौरान संबंधित अदालत में पेश किया गया।

Created On :   27 Sept 2024 7:38 AM GMT

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