Nagpur News: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा - किसी की जीने की आस ना टूटे, सरकार का यही प्रयास

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा - किसी की जीने की आस ना टूटे, सरकार का यही प्रयास
  • माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर का शिलान्यास समारोह
  • अब गरीब के बच्चे बन सकेंगे डॉक्टर
  • भक्ति आंदोलन ने तोड़ी भेदभाव की बेड़ियां

Nagpur News. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराजधानी में कहा कि पिछले 10 सालों में स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मेडिकल कॉलेजों व सीटों की संख्या दो गुनी हो चुकी है। आनेवाले समय में देश में स्वास्थ्य सेवा देनेवाले डॉक्टरों की संख्या अधिकाधिक होगी। इस देश के गरीब के बच्चे भी डॉक्टर बन सकेंगे। गरीब परिवारों के सपने पूरे हो सकेंगे। इसलिए विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा में चिकित्सा शिक्षा की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। रविवार को नागपुर में माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर का शिलान्यास डिजिटल पद्धति से प्रधानमंत्री मोदी के हाथों हुआ। इस अवसर पर वे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उपचार के अभाव में किसी गरीब की जीने की आस ना टूट पाए। किसी बुजूर्ग को अपना उपचार करवाने की चिंता ना सताए। इसके लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। आयुष्मान भारत, जनौषधी केंद्र, डायलिसिस सेंटर्स, टेलिमेडिसिन सर्विस आदि के माध्यम से दुर्गम, दूर-दराज में रहनेवाले और ग्रामीणों को लाभ मिल रहा है। एम्स जैसे संस्थानों की संख्या तीन गुना बढ़ी है।

युवाओं के हाथ 2047 के विकसित भारत की ध्वजा

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में युवा राष्ट्रनिर्माण की भावना से ओतप्रोत है। वे निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। यही युवा 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य की ध्वजा थामे हैं। आत्मविश्वास से परिपूर्ण युवाओं की क्षमता से देश आगे बढ़ रहा है। नये-नये अनुसंधान और स्टार्ट-अप्स से अवसर मिला है। आज का युवा विरासत पर गर्व कर चल रहा है। इसका प्रमाण प्रयागराज के महाकुंभ में पहुंचनेवाले करोड़ों युवाओं ने दिया है। भारत का युवा स्थानीय व देश की जरुरतें पूरी करनेवाला ‘लोकल के लिए वोकल’ बना है। खेल के मैदान से लेकर हर क्षेत्र में युवाओं का परचम लहरा रहा है। योग व आयुर्वेद को भी पूरे विश्व में नई पहचान मिली है। राष्ट्र का अस्तित्व पीढ़ी दर पीढ़ी होनेवाले संस्कृति विस्तार पर निर्भर करता है। संगठन, समर्पण व सेवा की त्रिवेणी से ही देश आगे बढ़ेगा, ऐसा भी मोदी ने कहा।


भक्ति आंदोलन ने तोड़ी भेदभाव की बेड़ियां

कठिन से कठिन दौर में भी भारत में चेतना को जागृत रखनेवाले नये-नये सामाजिक आंदोलन होते रहे है। संतों ने भक्ति आंदोलन के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी। महाराष्ट्र के संतों ने भक्ति प्रवाह के माध्यम से मौलिक विचारों से प्राण फूंके। उनके भक्ति आंदोलन ने भेदभाव की बेड़ियों को तोडकर एकता के सूत्र में बांधा।उन्हाेंने विदर्भ के संत प्रज्ञाचक्षु गुलाबराव महाराज की महानता पर कहा कि उन्हें दृष्टि नहीं थी। फिर भी अनेक पुस्तकें लिखी है। जो समाज के लिए प्रेरणा बनी है। उन्हें बाह्यदृष्टि नहीं थी, लेकिन अंत:दृष्टि थी। यह दृष्टि विवेक से जन्मी थी। ऐसा भी प्रधानमंत्री ने कहा।



मराठी में शुभकामना देते ही तालियों की गूंज

अपने भाषण की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने तीन बार ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष किया। इसके बाद प्रधानमंत्री द्वारा मराठी में उपस्थितों को ‘गुढ़ीपाडवा आणि नवीन वर्षाचा आपल्या सर्वांना अतिशय मन:पूर्वक शुभेच्छा’ देते ही कार्यक्रम स्थल तालियों से गूंज उठा। उन्होंने नागपुर को संघ सेवा का पवित्र तीर्थ बताया। माधव नेत्रालय के संबंध में कहा कि यह संस्थान अनेक दशकों से सेवारत है। हजारों लोगों के जीवन में रौशनी लौटी है। नये परिसर के शिलान्यास के बाद यहां के कार्यों को और गति मिलेगी। लाखों लोगों के जीवन में प्रकाश फैलेगा। माधव नेत्रालय के कार्यों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी को शुुभकामनाएं दी। भविष्य में यह संस्थान देशभर का महत्वपूर्ण संस्थान होने का विश्वास जताया।

Created On :   30 March 2025 6:50 PM IST

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