Nagpur News: नागपुर के गोरेवाड़ा जू में आफ्रीकन सफारी को मिली हरी झंडी

नागपुर के गोरेवाड़ा जू में आफ्रीकन सफारी को मिली हरी झंडी
  • शीघ्र होगी टेंडर प्रक्रिया
  • देश में पहली सफारी बनेगी नागपुर में
  • विदेश से लाये जाएंगे वन्यजीव

Nagpur News गोरेवाड़ा में आफ्रीकन सफारी की राह आसान हो गई है। वर्षों पहले हुई घोषणा को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। ऐसे में कुल 63 हेक्टेयर पर यहां 250 करोड़ की लागत से आफ्रीकन सफारी को साकार किया जाएगा। देशभर के जू से चुन - चुन कर आफ्रीकन वन्यजीवों को यहां लाया जाएगा। जो आफ्रीकन वन्यजीव यहां नहीं मिलेंगे। उन्हें विदेश से लाया जाएगा। देश में पहली इस तरह की यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सफारी यहां बनने से नागपुर का आकर्षण बढ़ेगा।

नागपुर से मामूली दूरी पर स्थित गोरेवाड़ा वन क्षेत्र है। जहां सैलानियों की उपस्थिति देखने मिलती है। सफारी का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी यहां आते हैं। लेकिन यहां मनोरंजन की दृष्टि से नाकाफी व्यवस्था होने से इसका विस्तार करने का निर्णय सरकार ने कुछ वर्ष पहले लिया था। परिसर में बड़ी मात्रा में जमीन खाली है। यहां विकास कर पर्यटकों को लुभाने के उद्देश्य से मनोरंजन के संसाधनों से लेस करने की कवायदें की जा रही है। एफड़ीसीएम के माध्यम से यहां का विकास किया जा रहा है। घोषणा के अनुसार यहां इंडियन सफारी, वॉकिंग ट्रेल के साथ आफ्रीकन सफारी की घोषणा की थी। वर्तमान स्थिति में यहां 115 हेक्टर पर इंडियन सफारी को साकार किया है। जिसमें बाघ, भालू, तेंदुए व हरबीओवर की सफारी शामिल है। इसके बाद विभाग को यहां पर आफ्रीकन सफारी को भी साकार करना था। लेकिन लंबे समय से यह प्रक्रिया अटकी पड़ी थी। लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। जिसके बाद जल्द ही टेंडर प्रक्रिया कर यहां सफारी को बनाने का काम शुरू होनेवाला है।

35 आफ्रीकन वन्यजीव रहेंगे : आफ्रीकन सफारी में कुल 35 आफ्रीकन वन्यजीवों को रखा जानेवाला है। जिसमें लेमूर, मीरकट, आफ्रीकन वाइल्ड डॉग, कुडु, इंपाला, ऑस्ट्रीच, हिप्पोपोटेमस, जिराफ, जेब्रा, बबून, चिंपाजी, आफ्रीकन बाघ आदि रहनेवाले हैं।

खुले घूमेंगे सैलानियों के आस-पास वन्यजीव : वर्तमान में इंडियन सफारी में कुल चार पार्ट बने हैं। हर एक पार्ट में अलग वन्यजीव रखे गये हैं। लेकिन आफ्रीकन सफारी में एक ही पार्ट रहेगा। जिसमें बाघ से लेकर जेब्रा जिराफ रहनेवाला है। दरअसर शेरों के लिए अलग आइलैंड बनेगा। जिसके आस-पास विद्युत प्रवाह की सीमा रहेगी। जोकि सैलानी नहीं देख सकेंगे। ऐस में सैलानियों को ऐसा लगेगा बाघ कभी भी बाहन के पास आ सकता है।

अभी तक आफ्रीकन सफारी का काम रूका था लेकिन अब इसे मंजूरी मिल गई है। जिसके बाद तेजी से काम शुरू होगा। आने वाले समय में यहां देश का पहली आफ्रीकन सफारी बनेगी। -डॉ. एस. भागवत, व्यवस्थापक, गोरेवाड़ा प्रकल्प

Created On :   15 Oct 2024 10:24 AM GMT

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