Nagpur News: नोटा का चलन बढ़ा, पिछले चुनाव में 7 लाख वोटरों ने दबाया था बटन

नोटा का चलन बढ़ा, पिछले चुनाव में 7 लाख वोटरों ने दबाया था बटन
  • 4.83 लाख वोटरों ने नोटा का विकल्प चुना
  • 2014-19 में 0.43 प्रतिशत बढ़ा, ग्रामीण जनता आगे
  • इस चुनाव में भी नाराजगी तय करेगी नोटा का प्रतिशत

Nagpur News : देश में लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों में “इनमें से कोई नहीं’ या "नोटा' विकल्प चुनने वाले मतदाताआें का प्रतिशत चुनाव दर चुनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। विश्लेषण से पता चलता है कि महाराष्ट्र विधानसभा 2019 के चुनाव में 7 लाख 42 हजार 134 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था, जबकि 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 4 लाख 83 हजार 459 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। नोटा चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों के प्रति मतदाताओं की नाराजगी को दर्शाता है। 2024 में होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवारों के प्रति नाराजगी बढ़ेगी या घटेगी यह मतदाता तय करेगा। 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों के लिए 52417861 मतदाताओं ने मतदान किया था। इसमें 483459 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।। नोटा का प्रतिशत कुल डाले गए मतों के 0.92 प्रतिशत था, वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में 55150470 मतदाताओं ने मतदान किया था। इस चुनाव में 742135 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। 2019 में नोटा का प्रतिशत सीधे 1.35 प्रतिशत बढ़ गया। 2014 और 2019 के चुनाव की तुलना करें, तो नोटा 0.43 प्रतिशत से बढ़ा है।

हाल ही में लोकसभा चुनाव हुए। इसमें विदर्भ के 10 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 77 हजार 127 मतदाता ने नोटा का विकल्प चुना था। इसमें गड़चिरोली-चिमूर, भंडारा-गोंदिया और चंद्रपुर निर्वाचन क्षेत्र में नोटा ने 10 हजार का आंकड़ा पार किया था। गड़चिरोली-चिमूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज्यादा यानी 16577 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था, वहीं सबसे कम नोटा का विकल्प अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में चुना गया था। वहा 2 हजार 544 मतदाता ने नोटा को वोट दिया था। विदर्भ के 10 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुनने का ग्राफ देखें, तो गड़चिरोली-चिमूर-16577, चंद्रपुर-10843,भंडारा-गोंदिया-10268, यवतमाल-वाशिम-9391, रामटेक-7827, अकोला-5783, नागपुर-5474, वर्धा-4634, बुलढाणा-3786 और अमरावती-2544 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था। इसका विश्लेषण किया जाए, तो विदर्भ में शहर की तुलना में ग्रामीण की जनता मतदान के अधिकार का प्रयोग करने से लेकर नोटा दबाने में सबसे आगे रही।

Created On :   8 Nov 2024 12:51 PM GMT

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