Nagpur News: ग्रामीण इलाकों में ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस के बढ़ रहे मामले, बच्चों को बचाएं

ग्रामीण इलाकों में ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस के बढ़ रहे मामले, बच्चों को बचाएं
  • 323 स्कूलों में अभियान, 80 शिविर
  • 16000 की जांच, 3200 मिले ग्रसित
  • स्कूल व कॉलेजों के आसपास ही पानठेला, चाय टपरी, नाश्ता दुकानें होती है
  • यहां आसानी से खर्रा, तंबाकू, पान मसाला व तंबाकूजन्य सामग्री समेत सिगरेट मिलती है, जिससे विद्यार्थियों को इसकी लत लग जाती है।

Nagpur News : शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वयंप्रेरित होकर 2008 से लगातार जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए दंत रोग जांच अभियान चलाया जा रहा है। हफ्ते में पांच दिन अलग-अलग क्षेत्रों की स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों के दांतों की जांच की जाती है। जांच के दौरान कीड़े लगना, पायरिया, मसूड़ों में सड़न, दांतों में दर्द होना, कैविटी, दांतों में धब्बे, झनझनाहट, दांतों का पीला पड़ना आदि सामान्य समस्याएं पाई जाती है। इसमें सर्वाधिक समस्या ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी की पाई जा रही है।

बढ़ जाता है कैंसर का खतरा

डॉक्टरों के अनुसार समय पर उपचार नहीं किए जाने पर मुंह का कैंसर होने का खतरा बन रहता है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग ने इसकी जांच करनी चाहिए। बच्चों का भविष्य संकट में आ रहा है। संभव है कि आने वाले समय में मुंह के कैंसर के सर्वाधिक मरीज होंगे। इसलिए अभी से जागरुकता की आवश्यकता पर जोर दिया जाना जरूरी बताया गया है।

ग्रामीण के 60 फीसदी में बीमारी

सूत्रों के अनुसार, शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले साल 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक 323 स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों की जांच की गई थी। 80 से अधिक शिविरों में 16000 बच्चों की जांच की गई है। इनमें से 3200 बच्चों में ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी पाई गई है। इसके अलावा दंत चिकित्सालय में प्रतिदिन की ओपीडी 25 बच्चे इस बीमारी से ग्रस्त पाए जा रहे हैं। इनमें ग्रामीण के 60 फीसदी का समावेश है। इनका सरकारी सहूलियत के आधार पर उपचार किया जा रहा है।

समय पर उपचार जरूरी, अन्यथा कैंसर का खतरा : विद्यार्थियों में ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी होने के कई कारण हैं। इसमें तंबाकू, तंबाकूजन्य पदार्थों का सेवन, पान मसाना, चूना, कत्था आदि का अधिक सेवन प्रमुख कारण बताया जाता है। दंत चिकित्सालय के डॉक्टरों के अनुसार स्कूल व कॉलेजों के आसपास ही पानठेला, चाय टपरी, नाश्ता दुकानें होती है। यहां आसानी से खर्रा, तंबाकू, पान मसाला व तंबाकूजन्य सामग्री समेत सिगरेट मिलती है। यह सामग्री आसानी से मिलने से विद्यार्थियों को इसकी लत लग जाती है। इससे ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस की बीमारी पाई जा रही है। इसके लक्षणों में मुंह खोलने में कठिनाई होना, मुंह में बार-बार छाले होना, होंठ का पतला होना, मुंह के अंदर के ऊतक का सफेद हो जाना, मुंह में सूखापन आना, खाते समय जलन होना, स्वर परिवर्तन होला, स्वाद विकार होना आदि शामिल है।

Created On :   29 Nov 2024 12:17 PM IST

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