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Nagpur News: नागपुर गोरेवाड़ा के दो बाघ जाएंगे अमहमदाबाद , बदले में आये हिरण
- गोरेवाड़ा में केवल 12 बाघ बचे
- पहले जामनगर व जयपुर भेजे गये 17 बाघ
- जंगल सफारी के लिए है नए वन्यजीवों की जरूरत
Nagpur News गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर से दो बाघों को अहमदाबाद के जू में रविवार को भेजा जानेवाला है। जिसके बदले में प्रशासन ने हिरणों की मांग की थी, जिन्हें इंडियन सफारी में रखा जानेवाला है। बता दें कि इससे पहले भी कुल 17 बाघों की गुजरात के जामनगर व जयपुर के जू में भेजा है। जिससे अब केवल 12 बाघ गोरेवाड़ा में शेष है। इसमें भी अब 2 बाघ जाने के बाद केवल 10 बाघ यहां रहने वाले हैं।
नागपुर शहर के पास ही रहनेवाला गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर पूरे विदर्भ के लिए अहम है। यहां बचाव किये गये वन्यजीवों को लाकर रखा जाता है। जिसमें तेंदुओं से लेकर बाघ शामिल होते हैं। अब तक यहां पर 29 बाघों को विभिन्न जगहों से लाकर रखा था। सभी बाघों द्वारा इंसानों का शिकार किया गया था। ऐसे में इन्हें यहां वर्षों से कैद रखा गया है। इनकी संख्या बहुत ज्यादा होने से गोरेवाड़ा में इन्हें रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। क्योंकि यहां बाघों के लिए केवल 12 ही पिंजरे हैं।
ऐसे में भालू व तेंदुओँ के पिंजरे में इन्हें रखा गया था। अब गोरेवाड़ा में शुरू हुई इंडियन सफारी व जल्द शुरू होनेवाले वॉकिंग ट्रेल में नये वन्यजीवों की जरूरत है। जिसके लिए प्रशासन की ओर से देशभर के जू से जरूरत के अनुसार वन्यजीवों की डिमांड कर रही है। वहीं अपने पास रखे बाघों को उन्हें दे रही है। गत महीने गोरेवाड़ा के 15 बाघों को गुजरात के जामनगर के बचाव सेंटर में भेजा गया था। जिसके बदले यहां हिरण, लकडबग्घा व भेड़िये मंगाये थे। इसके बाद 2 बाघों को जयपुर के जू में रवाना कर इनके बदले भी हिरणों को लाया था। अब फिर से यहां से 2 बाघों को अहमदाबाद भेजा जानेवाला है। जिनके बदले भी हिरण लाये जानेवाले हैं। रविवार को यह प्रक्रिया पूरी होने वाली है।
हिमाचल व नागालैंड भी जाएंगे बाघ : गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र के बचे हुए 10 बाघ से भी और 6 बाघों को जरूरत के अनुसार भेजा जानेवाला है। जिसमें कुछ बाघों को हिमाचल प्रदेश व कुछ को नागालैंड भेजा जानेवाला है। साथ ही यहां से जरूरत के अनुसार वन्यजीवों को इंडियन सफारी में शामिल करने के लिए लाया जानेवाला है।
नये बाघो के लिए जगह : उपरोक्त बचाव केन्द्र विदर्भ के लिए अहम है। पूरे विदर्भ में कही भी मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति बनने के बाद यहां से रेक्यू किये वन्यजीवों को यही लाया जाता है। लेकिन अब तक यहां पिंजरों से ज्यादा बाघ होने से नये बाघों को लाना मुश्किल हो रहा था। अब बाघों के पिंजरे तेजी से खाली होने के बाद नये रेस्क्यू कर लाये जानेवाले बाघों को रखना आसान हो जाएगा।
अभी तक 17 बाघों को जामनगर व जयपुर भेजा है। अब अहमदाबाद के जू में 2 और बाघों को भेजा जानेवाला है। इसके बाद भी हिमाचल व नागालैंड के लिए यहां से बाघों को भेजना है। -एस. भागवत, व्यवस्थापक, गोरेवाड़ा प्रकल्प नागपुर
Created On :   21 Sept 2024 5:12 PM IST