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Nagpur News: दिसंबर में शुरू किया कॉल सेंटर 8 लड़कियों को फोन करने रखा
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- 6 हजार में लिया था किराए पर फ्लैट
- एमपीएससी परीक्षा पेपर कांड के 4 आरोपी फरार
- आरोपियों की तलाश में जुटी पुणे पुलिस
Nagpur News हिमांशु जोशी/अभय यादव .एमपीएससी परीक्षा पेपर कांड के तार नागपुर से भी जुड़ते जा रहे हैं। यहां के नरसाला के कीर्ति नगर में एक फर्जी कॉल सेंटर की जानकारी सामने आने के बाद पुणे की पुलिस जब उस जगह पर दबिश देने पहुंची थी, तो आरोपी फरार हो गए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी योगेश वाघमारे ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर दिसंबर 2024 में कीर्तिनगर नरसाला, हुडकेश्वर इलाके में कॉल सेंटर खोला था। इस सेंटर में 8 युवतियों को नौकरी दी थी, युवतियों को हर माह 8 हजार रुपए वेतन देना तय हुआ था। जब आरोपियों को उनके खिलाफ पुणे में 28 जनवरी 2025 को मामला दर्ज होने की बात पता चली तो उन्होंने चारों युवतियों को बिना वेतन दिए ही कहा कि फिलहाल कार्यालय दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है, जब तक वे उन्हें नहीं बुलाएंगे तब तक कार्यालय में आने की जरूरत नहीं है।
दोस्त के माध्यम से किराए पर लिया था कमरा : आरोपी योगेश वाघमारे ने किसी जीतेश नामक दोस्त के माध्यम से ही 6 हजार रुपए महीने पर किराए का कमरा लिया था। जनवरी में एमपीएससी परीक्षा पेपर कांड का मामला उजागर होने पर योगेश ने काॅल सेंटर बंद कर दिया। योगेश ने ही युवतियों को कॉल सेंटर में फोन लगाने की ट्रेनिंग दी थी। कॉल सेंटर में काम करनेवाली युवतियों का काम बस इतना था कि वह दिन भर अलग-अलग सिमकार्ड से किसी भी नंबर पर फोन कॉल कर एमपीएससी की परीक्षा में पास होना है तो संपर्क करने की बात कहती थी। इसके बाद आगे की सारी प्रक्रिया या लेन-देन के बारे में योगेश और उसके फरार साथी आशीष कुलपे, प्रदीप कुलपे, जीतेश और विशाल नेवारे किया करते थे।
चारों फरार आरोपियों की सरगर्मी से तलाश : भंडारा के वरठी गांव निवासी आरोपी योगेश वाघमारे को नागपुर की क्राइम ब्रांच पुलिस के अधिकारी को एक मोबाइल नंबर पुणे की क्राइम ब्रांच पुलिस ने दिया था। इस नंबर को ट्रेस कर संबंधित व्यक्ति को गिरफ्त में लेने की बात पुणे के पुलिस आयुक्त ने नागपुर की क्राइम ब्रांच के उपायुक्त राहुल माकणीकर से की थी। इसके बाद नागपुर की क्राइम ब्रांच की यूनिट-4 ने आरोपी योगेश वाघमारे को वरठी गांव भंडारा से गिरफ्तार किया। इस दौरान पुणे की क्राइम ब्रांच पुलिस नागपुर आकर योगेश वाघमारे को गिरफ्तार कर पुणे ले गई। पुलिस रिमांड के दौरान योगेश ने अपने साथी जीतेश, विशाल, आशीष और प्रदीप का नाम उजागर किया है। इन चारों फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पुणे में छात्रों के बीच चली खबर से सामने आया पूरा मामला : पुणे से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की परीक्षा के पेपर बिक्री कांड में गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। खास बात तो यह है कि एमपीएससी का मुख्य कार्यालय मुंबई में है और नागपुर में कॉल सेंटर खोलकर पर्चे बेचने के लिए परीक्षार्थियों से संपर्क किया जा रहा था, लेकिन पुणे पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रैकेट का भंडाफोड़ किया। असल में नाशिक के कुछ परीक्षार्थियों से पुणे के परीक्षार्थियों को पेपर बिक्री के लिए कॉल आने की बात हुई थी। यह बात जब पुणे में सोशल मीडिया पर चली तो पुलिस सक्रिय हुई और एक बड़ा खुलासा हुआ। बताया जा रहा है एमपीएससी के पास पहले से ही पेपर बिक्री को लेकर जानकारी पहुंच चुकी थी, लेकिन उसने पुलिस से इस बारे में बात नहीं की। यदि एमपीएससी की नजरअंदाजी सही पाई गई तो मामले की गंभीरता को देखते हुए बड़ी कार्रवाई हो सकती है। परीक्षार्थियों से 85 से 90 प्रश्न आने की बात कही जा रही थी, जिसके एवज में 35 से 40 लाख रु. मांगे जा रहे थे।
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- 5 Feb 2025 3:19 PM IST
8 हजार रुपए वेतन पर रखी थी लड़कियां
एमपीएससी परीक्षा पेपर कांड के तार नागपुर से भी जुड़ते जा रहे हैं। यहां के नरसाला के कीर्ति नगर में एक फर्जी कॉल सेंटर की जानकारी सामने आने के बाद पुणे की पुलिस जब उस जगह पर दबिश देने पहुंची थी, तो आरोपी फरार हो गए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी योगेश वाघमारे ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर दिसंबर 2024 में कीर्तिनगर नरसाला, हुडकेश्वर इलाके में कॉल सेंटर खोला था। इस सेंटर में 8 युवतियों को नौकरी दी थी, युवतियों को हर माह 8 हजार रुपए वेतन देना तय हुआ था। जब आरोपियों को उनके खिलाफ पुणे में 28 जनवरी 2025 को मामला दर्ज होने की बात पता चली तो उन्होंने चारों युवतियों को बिना वेतन दिए ही कहा कि फिलहाल कार्यालय दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है, जब तक वे उन्हें नहीं बुलाएंगे तब तक कार्यालय में आने की जरूरत नहीं है।
Created On :   5 Feb 2025 3:15 PM IST