Nagpur News: नागपुर शहर के 860 सार्वजनिक कुएं हैं बदहाल पुनर्जीवित करने लगेंगे 36 लाख

नागपुर शहर के 860 सार्वजनिक कुएं हैं बदहाल पुनर्जीवित करने लगेंगे 36 लाख
  • नीरी के प्रस्ताव पर मनपा को दो सप्ताह में निर्णय लेना होगा
  • कुओं को लेकर उपाय सुझाने पर नीरी को आदेश दिए थे
  • आधे से ज्यादा सार्वजनिक कुओं का पानी पीने योग्य नहीं

Nagpur News बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने शहर के सार्वजनिक कुओं को बचाने, भूजल स्तर को ऊपर उठाने और पुनर्जीवित करने पर उपाय सुझाने पर नीरी को आदेश दिए थे। सुनवाई में नीरी ने शपथ-पत्र दायर करते हुए कोर्ट को बताया कि शहर के कुओं को पुनर्जीवित करने के लिए मनपा को 36 लाख रुपये का प्रस्ताव सौंपा है। कोर्ट ने नीरी के इस प्रस्ताव पर मनपा को दो सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

50% कुएं बेकार : याचिका पर बुधवार को न्या. भारती डांगरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। शहर के आधे से ज्यादा सार्वजनिक कुओं का पानी पीने योग्य नहीं रहा। ये कुएं या तो सूखे पड़ गये हैं या तो कूड़े के गड्ढों में तब्दील हो गये हैं। इसलिए, इन कुओं को पुनर्जीवित करने की मांग करते हुए संदेश सिंगलकर ने नागपुर खंडपीठ में यह जनहित याचिका दायर की है। इस बीच मनपा ने नीरी को शहर के कुओं का निरीक्षण करने को कहा था। कोर्ट ने नीरी से कुओं की सर्वे रिपोर्ट मांगी। सर्वे के मुताबिक शहर के पचास फीसदी सार्वजनिक कुएं पीने लायक नहीं हैं।

पानी पीने योग्य नहीं : नागपुर शहर में 860 सार्वजनिक कुएं हैं, उस में से 120 कुएं बदहाल पड़े हैं। चौकाने वाली बात यह है कि 860 में से एक भी कुएं का पानी पीने योग्य नहीं। इसलिए कोर्ट ने कुओं को पुनर्जीवित करने पर उपाय सुझाने पर नीरी को आदेश दिए थे। मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई में नीरी ने शपथ-पत्र दायर करते हुए अध्ययन के लिए मनपा को प्रस्ताव सौंपा यह जानकारी दी। कोर्ट ने शपथ-पत्र रिकॉर्ड पर लिया और मनपा को नीरी के प्रस्ताव पर निर्णय लेने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता की ओर से एड. स्मिता सिंगलकर तो मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की।

क्या है प्रस्ताव में : नीरी के प्रस्ताव के मुताबिक, शहर के सार्वजनिक कुओं के जल स्तर और गुणवत्ता, कुओं की गहराई और व्यास, पानी के जैविक और रासायनिक सिद्धांत, कुओं के जल स्रोत का आदि का विस्तार से अध्ययन किया जाएगा। इसके अलावा विलुप्त हो रहे भूजल स्रोतों का पता लगाने के लिए मैपिंग की जाएगी। इस वैज्ञानिक पद्धति से अध्ययन के लिए नीरी ने 36 लाख रुपए का मनपा को प्रस्ताव दिया है। अध्ययन लगभग नौ महीने में पूरी होने की उम्मीद जताई है।


Created On :   26 Sept 2024 6:19 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story