Nagpur News,: बरसों से पदभरती नहीं होने से बढ़ा काम का बोझ, छह जिले प्रभावित

बरसों से पदभरती नहीं होने से बढ़ा काम का बोझ, छह जिले प्रभावित
  • मलेरिया विभाग में 826 में से 198 पद रिक्त
  • हर साल बढ़ रही रिक्त पदों की संख्या
  • कार्यरत कर्मचारियों पर काम का बोझ

Nagpur News उपराजधानी को मेडिकल हब के रुप में देखा जा रहा है। चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति के चलते यहां मध्य भारत से लोग उपचार के लिए आते है। यहां के सरकारी स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय के अंतर्गत छह जिलों का नियंत्रण होता है। नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, गाेंदिया, गडचिरोली, चंद्रपुर और भंडारा का समावेश है। सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रम, चिकित्सा सेवाओं का नियंत्रण नागपुर से किया जाता है। लेकिन यहां के स्वास्थ्य केंद्रों में पदों की रिक्तियां है। बरसों से रिक्त पद भर्ती नहीं किये गए है। अकेले मलेरिया (हिवताप) विभाग में ही अनेक पद रिक्त है। हाल ही में प्राप्त जानकारी के अनुसार नागपुर समेत विभाग अंतर्गत आनेवाले जिलों में 826 मंजूर पद है। इनमें से 628 पद भर्ती है। 198 पद रिक्त हैं। इसमें गडचिरोली का समावेश नहीं है।

कार्यक्रम बढ़े, आबादी बढ़ी, मनुष्यबल कम : राष्ट्रीय कीटकजन्य रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत सहायक संचालक स्वास्थ्य सेवा के मलेरिया कार्यालय द्वारा सूचना अधिकार कानून के तहत दी गई जानकारी के अनुसार नागपुर विभाग अंतर्गत आनेवाले 6 जिलाें के हिवताप विभाग में मंजूर पदों की संख्या 826 है। वहीं मंजूर पदों की संख्या 628 व रिक्तियां 198 है। बताया गया कि बरसों से विभाग में कर्मचारियों की भर्ती नहीं किये जाने से पदों की रिक्तियां बढ़ रही है। इससे कामकाज प्रभावित होता है। हर साल कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाते है। बढ़ती आबादी के हिसाब से काम का बोझ बढ़ रहा है। विविध बीमारियों की रोकथाम व नियंत्रण कार्यक्रम बढ़ चुके है। बावजूद पद भरती की समस्या हल नहीं की जा रही है।

पांच जिलों में रिक्तियां इस प्रकार है।

1. नागपुर 286 232 54

2. वर्धा 221 173 48

3. चंद्रपुर 188 137 51

4. गाेंदिया 99 60 39

5. भंडारा 32 26 06

टोटल 826 628 198

Created On :   27 Sept 2024 9:29 AM GMT

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