प्रणाली: आरटीई के लिए 4 जून तक तारीख बढ़ाई गई , अब तक 20 हजार आवेदन भरे गए

आरटीई के लिए 4 जून तक तारीख बढ़ाई गई , अब तक 20 हजार आवेदन भरे गए
  • पुणे में भरे गए सबसे अधिक आवेदन
  • नागपुर जिला राज्य में दूसरे स्थान पर
  • गत वर्ष 36 हजार आवेदन भरे गए थे

डिजिटल डेस्क, नागपुर । आरटीई प्रवेश प्रक्रिया अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन भरने में नागपुर जिला राज्य में दूसरे स्थान पर है। पुणे जिले से सर्वाधिक 46 हजार से अधिक आवेदन भरे गए। नागपुर जिले से 20 हजार का आंकड़ा भी पार नहीं होने की जानकारी आरटीई के पोर्टल से प्राप्त हुई। आवेदन भरने की अंतिम तिथि 31 मई दी गई थी। अपेक्षा से कम आवेदन भरे जाने पर 4 जून तक तिथि बढ़ा दी गई है।

जिले में 6920 सीट आरक्षित : जिले के 655 स्कूलों में आरटीई के 25 फीसदी यानी 6920 सीट आरक्षित हैं। 17 मई से आवेदन भरने की प्रक्रिया आरंभ हुई। 31 मई अंतिम तिथि दी गई थी। इस दरमियान रात 10 बजे तक 19600 आवेदन भरे गए। गत वर्ष 36 हजार आवेदन भरे गए थे।

पालकों में संभ्रम : इस वर्ष पहले संशोधित नियम लागू कर सरकारी, स्थानीय निकाय संचालित तथा अनुदानित स्कूलों में प्रवेश के लिए आवेदन मंगवाने की प्रक्रिया पर अमल किया गया। उसे हाईकोर्ट ने रोक लगाने पर उसे रद्द कर पुराने नियम से प्रवेश देने की प्रक्रिया अपनाई गई। नए सीरे से आवेदन मंगवाए गए। अधिकांश पालकों तक यह जानकारी नहीं पहुंची। अब भी पालक संशोधित नियम अनुसार प्रवेश प्रक्रिया जारी रहने के भ्रम में हैं।

पहले बकाया राशि दें उसके बाद देंगे प्रवेश : सरकार आरटीई के तहत प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों के लिए निजी अंग्रेजी स्कूलों को निधि उपलब्ध कराती है, लेकिन वर्ष 2018 से राज्य सरकार ने अंग्रेजी स्कूलों के संचालकों को आरटीई प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं किया है। राज्य में निजी स्कूल के 2400 करोड़ और नागपुर जिले के स्कूलों को 210 करोड़ रुपए देना बाकी है, इसलिए महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल एसोसिएशन (मेस्टा) ने निर्णय लिया है कि राज्य सरकार पहले प्रतिपूर्ति की बकाया राशि दे, तभी आरटीई प्रवेश दिया जाएगा।

आरटीई के खिलाफ नहीं : मेसटा नागपुर विभाग के कार्याध्यक्ष कपिल उमाले ने कहा कि मेस्टा संगठन आरटीई के खिलाफ नहीं है, लेकिन इस प्रक्रिया में सभी समावेशी बदलाव करने की आवश्यकता है। आरटीई प्रक्रिया अधिक पारदर्शिता से लागू कि जानी चाहिए। गरीब और जरूरतमंद छात्रों को प्रवेश मिलना जरूरी है। इसके साथ ही निजी स्कूलों को भी प्रतिपूर्ति बकाया राशि जल्द से जल्द दी जाए।






Created On :   1 Jun 2024 10:04 AM GMT

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