सुनवाई: खुद के बेटे, बहन समेत पांच लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले की सजा बरकरार

खुद के बेटे, बहन समेत पांच लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले की सजा बरकरार
  • दिघोरी परिसर के बहुचर्चित पवनकर हत्याकांड का मामला
  • जिला व सत्र न्यायालय ने सुनाई थी फांसी की सजा
  • पालटकर ने नागपुर खंडपीठ में दी चुनौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिघोरी परिसर के बहुचर्चित पवनकर हत्याकांड में खुद के बेटे, बहन समेत पांच लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले हत्यारे विवेक गुलाबराव पालटकर (41) के फांसी की सजा बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बरकरार रखी है। बुधवार को न्या. विनय जोशी और न्या. महेंद्र चांदवानी ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। विवेक पालटकर को जिला व सत्र न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी। सजा को पालटकर ने नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी थी। वहीं राज्य सरकार ने भी पालटकर की फांसी की सजा बरकरार रखने के लिए याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने जिला व सत्र न्यायालय ने दी हुई फांसी की सजा का फैसला बरकरार रखा है। साथ ही कोर्ट ने अपने निरीक्षण में कहा कि पालटकर जैसे विकृत लोग समाज के लिए घातक हैं।

दहला था दिघोरी परिसर : हत्यारे विवेक पालटकर ने खुद के बेटे के समेत पांच लोगों की हत्या की थी। मृतक में कमलाकर मोतीराम पवनकर (48), उसकी पत्नी अर्चना (45), मां मीराबाई (73), पुत्री वेदांति (12), भांजा कृष्णा (5) का समावेश है। अर्चना, विवेक की बहन व कृष्णा, विवेक का बेटा था। दिघोरी के आराधना नगर में पवनकर परिवार रहता था। कमलाकर पवनकर प्रापर्टी डीलर था। आरोपी विवेक को पत्नी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसलिए विवेक की पुत्री वैष्णवी (8) व कृष्णा (4), वर्ष 2014 से बहनोई कमलाकर पवनकर के घर पर रहते थे।

यह है पूरा मामला : पत्नी की हत्या के मामले विवेक की जमानत के लिए कमलाकर ने लगभग 5 लाख रुपए खर्च किए थे। उन रुपयों को लेकर विवेक व कमलाकर में विवाद चल रहा था। विवाद के चलते 11 जून 2018 की मध्यरात्रि में लोहे की सब्बल से वार कर 5 लोगों की हत्या कर दी। प्रकरण में विवेक की पुत्री वैष्णवी व कमलाकर की पुत्री मिताली गवाह है। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया था। उसे पुलिस ने लुधियाना से गिरफ्तार किया था। 15 अप्रैल 2023 को जिला व सत्र न्यायालय ने आरोपी विवेक को हत्या का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। अब हाई कोर्ट ने भी विवेक पाटलकर के फांसी की सजा बरकरार रखी है। पालटकर की ओर से जिला विधि सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त तत्कालीन एड. देवेंद्र चौहान, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील संजय डोईफोडे और एड. अनूप बदर ने पैरवी की।

पत्नी की भी की थी हत्या, जेल में कैदी को भी मारने की कोशिश : विवेक पालटकर ने 2014 में खुद के पत्नी की भी हत्या की थी। 2018 में खुद के बेटे, बहन समेत पांच लोगो की हत्या की थी और जेल में भी पालटकर ने एक कैदी के सिर पर चोट करते हुए उसके हत्या का प्रयास किया था। फिलहाल पालटकर को येरवडा पुणे जेल में रखा गया है। बुधवार को जब कोर्ट ने सजा सुनाई तब पालटकर कोर्ट में आॅनलाइन उपस्थित था।

कोर्ट ने क्या कहा : पालटकर को अतीत की घटनाओं पर पछतावा नहीं है, भविष्य में सुधार की कोई संभावना नहीं है। ऐसे विकृत लोग समाज के लिए घातक और खतरनाक हैं, इसलिए पालटकर के फांसी की सजा बरकरार रखी जा रही है।

यह भी निरीक्षण

जब वह लोग रात को गहरी नींद में सोए थे तब पालटकर ने बेरहमी से हत्या कर दी

यह हत्याकांड एक सोची समझी साजिश थी

सभी के सिर पर सब्बल से एक ही जगह वार

बिना किसी गलती के उन्हें मार दिया गया

Created On :   28 March 2024 7:36 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story