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विकास: मई तक नागपुर का मेडिकल हास्पिटल पूरी तरह सोलर प्लांट पर आधारित होगा
- राज्य सरकार की हाई कोर्ट में जानकारी
- मरीजों के परिजनों के लिए 8 जगह शेड
- विश्राम गृह, स्वच्छता गृह की भी होगी सुविधा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार और मेडिकल प्रशासन को अस्पताल में गरीब मरीजों के परिजनों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाने के आदेश दिए। मामले पर हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने कोर्ट में जानकारी दी कि 15 मई तक मेडिकल पूरी तरह से "सोलराइज्ड' किया जाएगा। मेडिकल में आने वाले मरीजों के परिजनों को बैठने के लिए मेडिकल परिसर में आठ जगह की तलाश की गई है, जहां शेड तैयार किए जाएंगे। साथ ही विश्राम गृह और स्वच्छता गृह की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
अदालत ने रिपोर्ट पेश करने को कहा : शहर के मेयो और मेडिकल अस्पतालों की खराब हालत और वहां की असुविधाओं को लेकर नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रलंबित है। मेडिकल में ज्यादातर गरीब मरीज इलाज के लिए आते हैं। साथ में परिजन भी होते है। इलाज ज्यादा दिन चलने पर परिजनों को भी अस्पताल में ही ठहरना पड़ता है। तब उनके रहने और खाने के लिए क्या सुविधाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं, इस मुद्दे पर कोर्ट में चर्चा हुई।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गरीब मरीजों के परिजनों के लिए अस्पताल में विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। गुरुवार को न्या. अविनाश घरोटे और न्या. एम. एस. जवलकर के समक्ष सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील फिरदौस मिर्जा ने जानकारी दी कि मेडिकल सोलराइज्ड करने के लिए मेडा ने निजी कंपनी को निविदा दी थी। 15 मई तक यह काम पूरा किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि मेडिकल प्रशासन 13 मार्च से पहले कोर्ट के समक्ष विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अपेक्षित लागत और आवश्यक समय पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करे। न्यायालय मित्र के तौर पर एड. अनूप गिल्डा, राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील फिरदौस मिर्जा, एड. डी. पी. ठाकरे और मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की।
Created On :   1 March 2024 1:04 PM IST