सियासत: मराठा महासंघ की सभा में मराठा नेताओं की चेतावनी, नहीं तो- अजित गुट, कांग्रेस का बहिष्कार

मराठा महासंघ की सभा में मराठा नेताओं की चेतावनी, नहीं तो- अजित गुट, कांग्रेस का बहिष्कार
  • इतिहास में पहली बार नागपुर में महासभा
  • भुजबल-वडेट्टीवार इस्तीफा दें

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य में तनावपूर्ण स्थिति बनी है। इस बीच ओबीसी आरक्षण को लेकर ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके द्वारा जालना में किए गए आमरण अनशन को समर्थन देने पहुंचे राज्य के मंत्री छगन भुजबल और विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार अब मराठा नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। संवैधानिक पद पर रहते हुए दोनों नेताओं द्वारा ओबीसी आंदोलन को समर्थन दिया। इसे लेकर मराठा समाज ने नाराजगी जताते हुए कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल और विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार के इस्तीफें की मांग की है। राकांपा अजित गुट और कांग्रेस से भी दोनों नेताओं को तत्काल हटाने की मांग की गई है। विजय वडेट्टीवार की भूमिका को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी पत्र लिखने की जानकारी दी गई। राकांपा और कांग्रेस अपने-अपने नेताओं से इस्तीफा नहीं लेती है या उन्हें हटाती नहीं है तो आगामी विधानसभा चुनाव में राकांपा अजीत गुट और कांग्रेस का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।

इतिहास में पहली बार नागपुर में महासभा

रविवार को अखिल भारतीय मराठा महासंघ की वार्षिक सर्वसाधारण सभा महासंघ के इतिहास में पहली बार नागपुर में हुई। मराठा आरक्षण की मांग को देखते हुए इस सभा को ज्यादा महत्व प्राप्त हुआ। नागपुर सुधार प्रन्यास के सांस्कृतिक सभागृह, नंदनवन नागपुर में सभा हुई। अखिल भारतीय मराठा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप दादा जगताप ने सभा की अध्यक्षता की। प्रमुखता से महासंघ के राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख दिलीप धन्दरे, राष्ट्रीय सचिव संभाजी दहातोंडे, संगठक राजेंद्र निंबालकर, संतोष नलावडे, दशरथ पिसाड, संपर्क प्रमुख अनिल ताडगे, अभिजीत राणे सहित अन्य उपस्थित थे। सभा में राज्य के विविध जिलों से करीब 500 प्रतिनिधि पहुंचे थे। इसके अलावा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, पानीपत, तेलंगाना गुजरात, तमिलनाडु जैसे विभिन्न राज्यो से प्रतिनिधि आए थे।

मराठा आरक्षण प्रमुख मुद्दा रहा

सभा के केंद्र में मराठा आरक्षण प्रमुख मुद्दा रहा। इसे लेकर दो प्रस्ताव पारित किए गए। ओबीसी से मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए राज्य के दोनों मंडलों में प्रस्ताव पारित कर इसे केंद्र सरकार को भेजने और केंद्र से भी इसे पारित करने की मांग की गई। इसके लिए संविधान संशोधन करने पर भी जोर दिया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा मराठा समाज को जो 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है, उसे टिकाये रखने के लिए केंद्र सरकार से मांग की गई है। आगामी संसद के मानसून अधिवेशन में दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलने का निर्णय लिया गया है। इस सभा में नेताओं की भूमिका को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया।

Created On :   24 Jun 2024 7:00 PM IST

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