गहमागहमी: आरएसएस कार्यकर्ताओं की आंखों में खटक रहे अजित पवार, फडणवीस को देनी पड़ रही सफाई

आरएसएस कार्यकर्ताओं की आंखों में खटक रहे अजित पवार, फडणवीस को देनी पड़ रही सफाई
  • समन्वय बैठक में फडणवीस ने कहा राजनीतिक जरुरत की समझिए
  • आरक्षण के मुद्दे पर भी लाइल क्लीयर रखने की नसीहत
  • प्रत्येक गुरुवार को जिला स्तर पर होगी बैठकें

डिजिटल डेस्क ,नागपुर। महायुति अर्थात महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन में अजित पवार का शामिल रहना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को जरा भी अनुकूल नहीं लग रहा है। भाजपा को राजनीतिक मामले में ग्राउंड रियलिटी से चौकस करानेवाले संघ कार्यकर्ताओं ने साफ कहा है कि अब भी स्थिति नहीं बदली तो विधानसभा चुनाव में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। संघ कार्यकर्ताओं के संकेत पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बार-बार सफाई देनी पड़ रही है। आरक्षण मामले को लेकर राज्य में राजनीति को भी फडणवीस पर केंद्रित माना जाने लगा है। ऐसे में तैयारी की जा रही है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत बूथ स्तर पर भाजपा की समितियों में प्रमुख तौर से संघ कार्यकर्ताओं को स्थान दिया जाएगा।

गुपचुप बैठक में शामिल हुए फडणवीस : शुक्रवार की शाम को ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन के मुंडले आडिटोरिम में संघ व भाजपा की समन्वय बैठक हुई। बैठक में हेडमास्टर की भूमिका में संघ के सहसरकार्यवाह अरुणकुमार थे। संधके विदर्भ प्रांत के प्रमुख पदाधिकारियों के अलावा संघ से जुड़े 35 से अधिक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी थे। उस बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गुपचुप शामिल हुए। उनकी इस उपस्थिति से उनके सुरक्षा रक्षकों को भी बेखबर रखा गया। बैठक में अरुणकुमार ने विविध विषयों पर चर्चा की। लेकिन अजित पवार के मामले पर प्रमुखता से सवाल पूछा गया। राकांपा नेता शरद पवार के भतीजे अजित पवार को महायुति में शामिल करने के बाद से संघ के कुछ कार्यकर्ता नाराज है।

संघ के मराठी साप्ताहिक में लेख के माध्यम से दावा किया गया कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा के पिछड़ने के कई कारणों में अजित पवार का महायुति में शामिल होना भी शामिल है। अजित पवार का मामला भाजपा के पुणे अधिवेशन में उठा था। खुद फडणवीस एक माह में 3 बार संघ पदाधिकारियों से मिल चुके हैं। संघ की समन्वय बैठक में यह भी कहा गया कि मराठा आरक्षण के मामले में फडणवीस की भूमिका को लेकर जो चर्चा समाज हो रही है वह ठीक नहीं है। इन मामलों पर फडणवीस ने सफाई देते हुए कहा है कि विरोधी और विशेषकर कांग्रेस के लोग उनके विरोध मे नैरेटिव फैला रहे हैं। अजित पवार का महायुति में शामिल होना राजनीतिक जरुरत का हिस्सा है। एकनाथ शिंदे के साथ राज्य में स्थिर सरकार तो बन गई लेकिन मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए अजित पवार को साथ रखना जरुरी था।

Created On :   10 Aug 2024 2:58 PM IST

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