बिजली: राहत पाने नागपुर में महावितरण ने अपने कार्यालयों में लगाए प्री-पेड मीटर

राहत पाने नागपुर में महावितरण ने अपने कार्यालयों में लगाए प्री-पेड मीटर
  • नागपुर में 60 और वर्धा में लगाए गए 30 मीटर
  • संबंधित कंपनी करेगी मीटरों का रख-रखाव
  • महावितरण के 18 कार्यालय शामिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महावितरण ने प्री-पेड मीटर लगाने का काम अपने कार्यालयों व बिजली कर्मचारियों की कॉलोनियों से शुरू कर दिया हैै। नागपुर शहर में 60, वर्धा में 30, गोंदिया में 146, भंडारा में 10 आैर चंद्रपुर में 95 कुल 341 प्री-पेड मीटर लगाए गए हैं। जिन जगहों पर प्री-पेड मीटर लगाए गए हैं, उनमें महावितरण के 18 कार्यालय शामिल हैैं।

नि:शुल्क मिलेंगे स्मार्ट मीटर : केंद्र सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के आधार पर राज्य में कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी उपभोक्ताओं के कार्यालयों या आवासों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए सर्वे पूरा हो चुका है। अब वास्तविक मीटर लगाए जा रहे हैं। महावितरण की ओर से बिजली उपभोक्ताओं को मुफ्त में स्मार्ट मीटर मिलेंगे, साथ ही संबंधित कंपनियों को 10 साल तक इस मीटर का रखरखाव और मरम्मत करने का दायित्व है।

बिजली उपभोक्ताओ को प्रदान किए जाने वाले स्मार्ट प्री-पेड मीटर आधुनिक डिजिटल तकनीक पर आधारित हैं। इससे उपयोग की गई बिजली का सटीक रिकॉर्ड सुनिश्चित होगा और बिजली उपभोक्ताओं को उनके मोबाइल फोन पर नियमित रूप से बिजली के उपयोग की जानकारी मिलेगी। वर्तमान में हर जगह उपयोग में आने वाले पारंपरिक मीटरों के मामले में गलत रीडिंग, समय पर रीडिंग न होना, गलत बिल जैसी कुछ समस्याएं हैं। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिल संबंधी शिकायतों का संपूर्ण समाधान होगा। उपभोक्ता को सटीक बिल और बिजली खपत की नियमित जानकारी मिलती रहेगी।

26 हजार मेगावाट बिजली की जरूरत : भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग चरम पर है। नागपुर समेत राज्य में (मुंबई छोड़कर) बिजली की मांग 26 हजार मेगावाट बनी हुई है। एसी चालू रहने से बिजली की खपत बढ़ जाती है। गर्मी से राहत पाने बड़ी मात्रा में एसी चलाए जा रहे हैं।

निजी कंपनियों से खरीद रहे बिजली : महावितरण आैष्णिक विद्युत केंद्रों से बिजली लेने के साथ ही निजी कंपनियों से भी बिजली खरीद रही है। महानिर्मिति के कोराडी, खापरखेड़ा, चंद्रपुर, भुसावल, पारस, परली, नाशिक में आैष्णिक विद्युत केंद्र हैं। कोराडी आैष्णिक विद्युत केंद्र में 660 मेगावॉट के 3 आैर 210 मेगावॉट का एक केंद्र है। चंद्रपुर में 210 मेगावॉट के 2 आैर 500 मेगावॉट के 5 यूनिट हैं। फिलहाल सभी 7 केंद्रों में पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन हो रहा है, लेकिन मांग को देखते हुए यह बिजली कम पड़ रही है।

कोयले की कमी नहीं : महानिर्मिति के 7 आैष्णिक विद्युत केंद्रों में फिलहाल कोयले की कमी नहीं है। महानिर्मिति अधिक से अधिक बिजली उत्पादन पर जोर दे रहा है। महानिर्मिति के सूत्रों ने दावा किया कि सभी 7 आैष्णिक विद्युत केंद्रों में बिजली उत्पादन पूरी क्षमता से हो रहा है।


Created On :   1 Jun 2024 9:05 AM GMT

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