पहल: सारस पक्षियों का अधिवास बचाने महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश सरकार करेगी समन्वय

सारस पक्षियों का अधिवास बचाने महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश सरकार करेगी समन्वय
  • वनविभाग ने पेश किया शपथपत्र
  • सारस पक्षियों के संवर्धन लिए ली बैठक
  • दिए गए आवश्यक दिशा निर्देश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सारस पक्षी का अधिवास टिकाए रखने के लिए महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सरकार समन्वय बनाकर काम करेगी। मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने दिए आदेशानुसार यह निर्णय लिया गया। वन विभाग द्वारा शपथपत्र पेश कर उक्त जानकारी दी गई। लुप्त हो रहे सारस पक्षियों के नैसर्गिक अधिवास का संवर्धन हो, इसके लिए उच्च न्यायालय ने सुमोटो जनहित याचिका दाखिल की है।

वन विभाग ने क्या कहा - गोंदिया जिले के लिए 61.50 करोड़ रुपए की सारस पक्षी संवर्धन योजना मंजूर

विद्युत तारों से संरक्षित व पक्षियों को बचाने के लिए 41 करोड़ रुपए खर्च की उपाययोजना

सारस पक्षी संवर्धन समिति को कानूनी मान्यता -विविध प्रधान सचिवों से समन्वय साधने का अधिकार

प्रतिवादियों को दिया चार सप्ताह का समय : इस प्रकरण में न्यायमूर्ति नितीन सांबरे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। गोंदिया वन परिक्षेत्र के उपवन संरक्षक प्रमोद पंचभाई ने शपथपत्र दाखिल कर जारी किए आदेशों के पालन बाबत जानकारी दी। 8 अगस्त 2022 को गोंदिया और मध्यप्रदेश वन विभाग ने सारस पक्षी के संवर्धन की दृष्टि से बैठक आयोजित कर चर्चा करने की जानकारी शपथपत्र में दी है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) ने गोंदिया व भंडारा परिक्षेत्र के उपवन संरक्षकों को मध्यप्रदेश सरकार के समन्वय साधने का आदेश दिया है। मुंबई स्थित बॉम्बे नेचरल हिस्ट्री सोसाइटी से हुए करार अनुसार उन्होंने अंतिम रिपोर्ट अनुसार संवर्धन का काम करने की जानकारी दी है। अन्य प्रतिवादियों को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। न्यायालयीन मित्र के रूप में एड. राधिका बजाज ने और वन विभाग की ओर से कार्तिक शुकुल ने पक्ष रखा।

कृषि पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन : भारतीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग योजना सोसायटी (आईएसएसएलयूपी) की राष्ट्रीय संगोष्ठी टिकाऊ कृषि के लिए मृदा पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का बुधवार को डॉ एसपी रायचौधरी सभागार, आईसीएआर-एनबीएसएस एंड एलयूपी, अमरावती रोड में शुभारंभ किया गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में एचसी गिरीश, आईएफएस, आयुक्त, वाटरशेड विकास विभाग, कर्नाटक और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. एम मधु, निदेशक आईसीएआर-आईआईएसडब्ल्यूसी देहरादून उपस्थित थे।

केवी छात्रों अंबाझरी नागपुर द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किए गए। राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ. एन. जी. पाटील, निदेशक, आईसीएआर-एनबीएसएस एंड एलयूपीए ने सभी अतिथि प्रतिभागियों का स्वागत किया। आईएसएसएलयूपी सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ ब्रम्हा स्वरूप द्विवेदी, सदस्यए एएसआरबीए नई दिल्ली ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के महत्व पर प्रकाश डाला और सत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत की। राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारत के विभिन्न हिस्सों से 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

Created On :   22 Feb 2024 4:05 PM IST

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