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नागपुर: 40 स्कूलों की जांच - बदहाली के लिए मुख्याध्यापक को नोटिस के संकेत, न्यायाधीश की अध्यक्षता में निरीक्षण
- औरंगाबाद खंडपीठ ने दिए थे आदेश
- 75 स्कूलों का हुआ निरीक्षण
- 40 स्कूलों की जांच
डिजिटल डेस्क, नागपुर. सरकारी तथा स्थानीय निकाय संचालित स्कूलों की जिला व सत्र न्यायाधीश वर्ग एक की अध्यक्षता में गठित समिति जांच कर रही है। जिन स्कूलों की स्थिति बेहतर है, उन स्कूलों की सराहना की गई है। बदहाल स्कूल के मुख्याध्यापक काे कारण बताओ नोटिस जारी करने के संकेत मिले हैं। 2 अक्टूबर तक जांच पूरी करने की मियाद थी। समिति को दो महीने बढ़ाकर दिए जाने की सूत्रों ने जानकारी दी है।
औरंगाबाद खंडपीठ ने दिए थे आदेश
राज्य में सरकारी तथा स्थानीय निकाय संचालित स्कूल खस्ताहाल होने की हाई कोर्ट के औरंगाबाद खंडपीठ में सू-मोटो याचिका दायर हुई थी। हाई कोर्ट के आदेश पर संपूर्ण राज्य में जिला व सत्र न्यायाधीश वर्ग एक की अध्यक्षता में समिति गठित कर स्कूलों की जांच की जा रही है। न्यायमूर्ति झपाटे की अध्यक्षता में गठित समिति में उपजिलाधिकारी, पुलिस उपअधीक्षक, लोकनिर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता सदस्य तथा माध्यमिक शिक्षणाधिकारी समिति सचिव हैं।
1727 स्कूलों की होगी जांच : जिले के शासकीय, जिला परिषद, नगर परिषद, मनपा द्वारा संचालित 1727 स्कूलों की समिति जांच करेगी। स्कूल की इमारत, उपलब्ध सुविधा व संसाधनों की जांच की जा रही है। अनेक सरकारी स्कूलों में भौतिक सुविधाओं का अभाव है। कुछ स्कूल खस्ताहाल हो जाने से विद्यार्थियों की जान को खतरा बना हुआ है।
75 स्कूलों का हुआ निरीक्षण
जिले के 75 स्कूलों का समिति ने निरीक्षण किया है। हिंगना, कलमेश्वर, कामठी तहसील के 4 स्कूल, नागपुर ग्रामीण तहसील के 12, पारशिवनी 6, सावनेर 1, नागपुर शहर के 40 से अधिक स्कूलों का निरीक्षण हो चुका है। अनेक स्कूलों की इमारत जर्जर, शौचालयों की बेहद खराब स्थिति, परिसर में झाड़ियां उगने जैसी स्थिति पाई गई है। कुछ स्कूल बेहतर मिले हैं। समिति ने बेहतर स्कूलों की सराहना की है। उन्हें प्रमाणपत्र भी दिए जाने वाले हैं, वहीं खस्ताहाल स्कूलों के मुख्याध्यापक को कारण बताओ नोटिस दिए जाने वाले हैं।
Created On :   8 Oct 2023 2:23 PM GMT