रोष: आंदोलन कर रहे कर्मचारी, दसवीं व बारहवीं की उत्तर पुस्तिका बिना जांचे ही बोर्ड को लौटाई

आंदोलन कर रहे कर्मचारी, दसवीं व बारहवीं की उत्तर पुस्तिका बिना जांचे ही बोर्ड को लौटाई
  • शिक्षक समन्वय संघ का असहयोग आंदोलन
  • कई लंबित मांगों को लेकर अड़े कर्मचारी
  • बोर्ड ने भी दे दी चेतावनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दसवीं, बारहवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिका बिना जांचे बोर्ड को वापस किए जाने की जानकारी सामने आई है। शिक्षक समन्वय संघ ने अपनी कई लंबित मांगों को लेकर असहयोग आंदोलन शुरू किया है। उत्तर पुस्तिका बिना जांचे वापस भेजने की भूमिका असहयोग आंदोलन का एक हिस्सा है।

21 फरवरी से 12वीं, 1 मार्च से 10वीं की परीक्षा शुरू : बारहवीं कक्षा की परीक्षा 21 फरवरी और दसवीं कक्षा की परीक्षा 1 मार्च से चालू है। पेपर लेने के बाद तीन दिन में संबंधित विषय की उत्तर पुस्तिका की पार्सल ईपीपी से मुख्याध्यापक, प्राचार्य को भेजी जाती है। समय पर परीक्षा परिणाम घोषित करने की दृष्टि से संबंधित शिक्षक को उत्तर पुस्तिका की जांच कर बोर्ड को लौटाना आवश्यक है। लंबित मांगों को लेकर शिक्षक समन्वय संघ ने उत्तर पुस्तिका की जांच का बहिष्कार किया है। बिना जांचे उत्तर पुस्तिका बोर्ड को लौटाई जा रही है।

बोर्ड ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी : उत्तर पुस्तिका बिना जांचे लौटाए जाने पर बोर्ड ने स्कूलों को पत्र जारी किया है। उत्तर पुस्तिका स्वीकृत नहीं करने या बिना जांचे लौटाने पर संबंधित स्कूल की मान्यता रद्द करने व स्कूल के परीक्षा परिणाम रोकने की चेतावनी दी है। उत्तर पुस्तिका की पार्सल अस्वीकृत कर वापस बोर्ड को भेजने पर पार्सल का खर्च संबंधित स्कूल से वसूल करने की स्पष्ट ताकीद दी है।

दसवीं के 1,63,017, बारहवीं के 1,55,028 परीक्षार्थी : नागपुर बोर्ड के दायरे में नागपुर विभाग के नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया, गड़चिरोली और वर्धा पांच जिले आते हैं। विभाग में बारहवीं कक्षा के 1 लाख, 63 हजार 17 और दसवीं कक्षा की 1 लाख, 55 हजार 28 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे हैं। शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिका जांचने का बहिष्कार करने से समय सीमा में परीक्षा परिणाम घोषित करने की शिक्षा बोर्ड के सामने बड़ी चुनौती है।

मुंबई के आजाद मैदान में धरने पर शिक्षक : अंशत: अनुदानित स्कूलों को आगे के चरण का अनुदान चालू करने की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी 3 जनवरी से धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग पूरी करने का शिक्षक समन्वय संघ ने बोर्ड के सचिव को पत्र दिया है। सरकारी स्तर पर उनके आंदोलन का संज्ञान नहीं लेने पर शिक्षक समन्वय संघ ने उत्तर पुस्तिका जांच का बहिष्कार करने की भूमिका ली है।

Created On :   7 March 2024 12:45 PM IST

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