वाड़ी शहर में बढ़ते गोदाम बन रहे मुसीबत

वाड़ी शहर में बढ़ते गोदाम बन रहे मुसीबत
  • मुनाफा कमाने दी जा रही अनुमति
  • बढ़ते गोदाम बन रहे मुसीबत

डिजिटल डेस्क, सौरभ पाटील। शहर में गोदामों की बढ़ती संख्या स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। बिना सोचे-समझे गोदाम बनाने की अनुमति दी जा रही है। इससे प्रदूषण भी फैल रहा है, जिससे छात्रों, बुजुर्गों और महिलाओं की जान को खतरा बताया जा रहा है। भविष्य में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस ओर न तो स्थानीय प्रशासन ध्यान दे रहा है, न ही जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं।

वाड़ी शहर की जनसंख्या में वृद्धि तो हुई, लेकिन जनता को पर्याप्त सुविधाओं का अभी भी अभाव है। शहर के निवासी इलाकों में गोदामों की बढ़ती संख्या सिरदर्द बन गई है, जिससे वायु प्रदूषण, कचरा, ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन इस संदर्भ में बेबस नजर आ रहा है। जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में विचार करने की जहमत ही नहीं उठाई। समस्या को पूरी तरह नजर अंदाज किया जा रहा है। अब भी स्थानीय प्रशासन आवासीय क्षेत्रों में बिना किसी अनुमति के गोदाम बनाने की अनुमति दे रहा है। भारी संख्या में भारी वाहनों का रात-दिन आवागमन होते रहता है, जिस कारण शोरगुल, धूल का उठता गुब्बार, वाहनों से निकलता धुआं परेशान कर रहा है।

मुनाफा कमाने दी जा रही अनुमति

पिछले दस वर्षों से स्थानीय प्रशासन द्वारा बिना सोचे-समझे लोगों को गोदाम बनाने की अनुमति देता जा रहा है। इसका असर यह हो रहा है कि भविष्य में गोदामों की संख्या इतनी बढ़ जाएगी कि गोदाम लोगों के लिए मुसीबत साबित होने लगेंगे। कम समय में अधिक मुनाफा अर्जित करने के उद्देश्य से निवासी क्षेत्र में कोहले ले-आउट, साहू ले-आउट और खड़गांव रोड के आस-पास के क्षेत्रों में गोदामों का निर्माण किया गया है। बड़े गोदामों को किराए पर दिया गया है। एमआईडीसी के अलावा, आयुध निर्माणी, परिवहन कार्यालय, वाड़ी शहर के अलावा अन्य स्थानों पर, विभिन्न राज्यों, जिलों और विभिन्न तहसीलों से मजदूर वर्ग काफी संख्या में रहते हैं।

जान हथेली पर लेकर चलते हैं विद्यार्थी : संकरी सड़कें होने के कारण दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। भविष्य में किसी बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। यदि आगजनी की घटना होती है, तो संकरे रास्ते होने के कारण अग्निशमन दल को घटनास्थल पर पहुंचने में दिक्कतें हो सकती हैं। विभिन्न निजी और सरकारी स्कूलों के छात्रों को स्कूल आते-जाते समय अपनी जान हाथेली पर रखकर रास्तों से गुजरना पड़ता है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि खामोश हैं। वाड़ी नगर परिषद में नवनियुक्त अधिकारी डॉ. विजय देशमुख से स्थानीय लोगों ने उम्मीद जताई है कि शीघ्र समस्या दूर होगी और लोगों को राहत मिलेगी।

फार्मास्यूटिकल गोडाउन का निर्माण होने से शहर में दवाइयों की दुर्गंध फैलती रहती है। कई गोदामों में केमिकल रखा होने से भी परिसर में दुर्गंध फैलती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। गोदाम मालिक तथा मजदूरों द्वारा स्वच्छता नहीं रखी जाती है।

Created On :   11 Jun 2023 8:46 PM IST

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