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उपराजधानी के हाल: उत्तर नागपुर में गटर के खुले ढक्कन और सड़कों के गड्ढे दे रहे हादसों को निमंत्रण
- निचली बस्तियों में जल निकासी की समस्या
- प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं
- भारी बारिश में होगी परेशानी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. विकास की धारा से जुड़ने के बाद भी उत्तर नागपुर की कई बस्तियां पिछड़ेपन को बयां करती सी प्रतीत हो रही हैं। प्रशासन ने बारिश पूर्व आवश्यक उपाययोजनाओं का दावा किया है लेकिन यहां के विविध क्षेत्रों में प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। सड़क किनारे खुले गड्ढे हादसों को आमंत्रण देते प्रतीत हो रहे हैं।
ठेकेदार कर रहे मनमानी : बाबा बुढ्ढाजीनगर गली क्रमांक 2 में गटर का ढक्कन खुला है। निवासी परेशान है। सड़क पर पानी भरा है।
गुरुद्वारा बाबा बुढ्ढाजीनगर के पूर्व उपाध्यक्ष गुरमेजसिंह चीमा ने बताया कि सड़क किनारे गटर के ढक्कन खुले रहने से वाहन दुर्घटनाएं हो रही है। गंदगी फैल रही है। गुरुद्वारा साहिब के पीछे गली नंबर 2 में गटर का खुला ढक्कन रहवासियों के लिए परेशानी बन गया है, जो सड़क पर पानी भरने के बाद नजर ही नहीं आता। ऐसे एक नहीं कई गटर हैं, जिनके ढक्कन टूटे या खुले हैं। चीमा ने बताया कि इलाके में सड़क किनारे बने गटर के ढक्कन काफी समय से खुले पड़े हैं, कोई देखने वाला नहीं, लापरवाही भी इतनी है कि गटर की सफाई करने के बाद गंदगी वहीं किनारे छोड़ दी जाती है। यहा खुले गटर हादसों का सबब बन रहे हैं। इस पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।
कामठी मार्ग की स्थित व्यक्त करते हुए निशाद इंदूरकर ने कहा कि सड़कों पर खोदे गए गड्ढों को प्रशासन बुझाना भूल गया है। मनपा प्रशासन पर नियंत्रण नहीं है। विकास कार्य एजेंसियां व उनके ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं।
इसके असाला निचली बस्तियों में जलजमाव से लेकर जलनिकासी की समस्या काफी समय से है। फिलहाल बारिश आरंभ हो गई है।प्रमुख यातायात भरे क्षेत्र में भी गड्ढों को खुला छोड़ दिया गया है। दैनिक भास्कर ने क्षेत्र की कुछ बस्तियों का जायजा लिया तो नागरिकों ने प्रशासन पर जमकर गुस्सा व्यक्त किया।
ठोस उपाययोजना नहीं बनाई : उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल और उनके नेता केवल विकास के दावे करते रहते हैं। भाजपा हो या कांग्रेस किसी भी दल के नेता ने इस समस्या को लेकर ठोस उपाययोजना नहीं कराई है। टेका नाका परिसर में माता मंदिर के पास खुले गड्ढे को दिखाते हुए एक नागरिक ने कहा-यहां कभी भी हादसा हो सकता है। क्षेत्र में दीक्षितनगर नई रियायशी बस्ती के तौर पर विकसित हो रही है। बड़े रेस्टारंट व शापिंग माल भी खुल गए हैं लेकिन सड़कों की अव्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दीपकनगर से कामगार नगर तक जुड़ने वाली सड़क तो बन गई, लेकिन कच्चे चौंक से जुड़ी सड़कों का काम रोक दिया गया है। जिससे गुरुद्वारे आनेजाने वाली संगत को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मार्ग कीचड़ से सना : कामगार नगर से दीक्षित नगर तक मार्ग कीचड़ से भरा है। क्षेत्र में बस या अन्य यात्री वाहन नहीं जा पाते हैं। गुरुनानकपुरा, बाबा पारसनाथ चौक से एसआरए कालोनी परिसर की यही स्थिति है। आवासीय क्वार्टरों में जाने की दिक्कत है। सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मिश्रा बताते हैं-क्षेत्र की समस्या यथावत है। मनपा, नासुप्र से लेकिन नेताओं के घरों तक नागरिकों ने कई बार चक्कर लगाए लेकिन समस्या जस की तस बनी है।
अधिकारियों की मिलीभगत : युवक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव आसिफ शेख का आरोप है कि निर्माण कार्य ठेकेदार व अधिकारियों की मिलीभगत से क्षेत्र में हर तरफ सड़कों पर जोखिम भरी स्थिति बनी है। खुले भूखंडों में पानी भरने से बीमारियां फैल रही है।
Created On :   8 July 2024 5:02 PM IST