नागपुर: असंतुलन ही रोग है, संतुलित जीवन जीना योग है, योग भास्कर के चौथे चरण का आयोजन

असंतुलन ही रोग है, संतुलित जीवन जीना योग है,  योग भास्कर के   चौथे चरण का आयोजन
  • असंतुलन ही रोग है और संतुलित जीवन का विचार योग
  • शिविर की शुरुआत प्रार्थना ओंकार के घोष और वैदिक मंत्रों के सामूहिक उच्चारण से होती है

डिजिटल डेस्क, नागपुर. असंतुलन ही रोग है और संतुलित जीवन का विचार "योग' है। ऐसा कहना है योग प्रशिक्षक हंसराज मिश्रा का। वह दैनिक भास्कर के योग भास्कर की दसवीं श्रृंखला के चौथे चरण में मार्गदर्शन कर रहे हैं। वे कहते हैं कि योग साधना मनुष्य के जीवन को सुखी बनाने में एक आध्यात्मिक पहल है।

शिविर की शुरुआत प्रार्थना ओंकार के घोष और वैदिक मंत्रों के सामूहिक उच्चारण से होती है। योग से शारीरिक बीमारियों से निदान तो मिलता ही है, मानसिक रूप से भी व्यक्ति खुश रह सकता है। योगाभ्यास से गंभीर से गंभीर बीमरियों से लड़ा जा सकता है।

नि:शुल्क है शिविर

इस योग शिविर का आयोजन नॉर्थ अंबाझरी रोड पर स्थित शिवाजी नगर मनपा उद्यान में किया गया है। शिविर में आमजन का पूरा सहयोग मिल रहा है। यह शिविर नि:शुल्क है। आयोजक ने अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9373296677 और 8999811383 पर संपर्क कर सकते हैं।

योग के स्वास्थ्य लाभ

योग आसन के अभ्यास से शक्ति और लचीलापन विकसित होता है, साथ ही आपकी नसों को आराम मिलता है और आपका मन शांत होता है। आसन मांसपेशियों, जोड़ों और त्वचा और पूरे शरीर - ग्रंथियों, तंत्रिकाओं, आंतरिक अंगों, हड्डियों, श्वसन और मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं।

योग के भौतिक निर्माण खंड आसन और श्वास हैं।


Created On :   16 Jun 2024 1:11 PM GMT

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