खतरा: नागपुर के आसपास ही वन्यप्राणियों के हमले में 5 साल में 12 लोगों की मौत

नागपुर के आसपास ही वन्यप्राणियों के हमले में 5 साल में 12 लोगों की मौत
  • बढ़ रहा मानव-वन्यजीव संघर्ष
  • घायलों की संख्या बढ़ रही है
  • बढ़ते वन्यप्राणी व जंगल का कम होता दायरा मुुख्य कारण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर प्रादेशिक वन में मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है। गत 5 साल में बाघ व तेंदुए के हमले में 12 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वही अन्य वन्यप्राणियों के हमले में घायल होने वाले लोगों की संख्या भी 147 तक पहुंच गई है। गत पांच साल से यह आंकड़े तेजी से बढ़े हैं। इसका मुख्य कारण लगातार बढ़ते वन्यप्राणी व जंगल का कम होता दायरा है।

जंगल के आस-पास मानव बस्तियां मुख्य कारण : वन विभाग के दो हिस्से हैं, जिसमें एक एरिया वन्यप्राणियों का आरक्षित एरिया है, जहां अधिकांश वन्यप्राणियों का बसेरा रहता है। दूसरा एरिया प्रादेशिक होता है, जो वनविभाग का आरक्षित क्षेत्र होता है। यहां वन्यप्राणी नाममात्र दिखाई देते हैं। कई बार बाघ अपने क्षेत्र की तलाश में यहां पहुंचते हैं, जिससे उनका इंसानों से सामना हो जाता है। नागपुर वन विभाग प्रादेशिक क्षेत्र की बात करें, तो इनके अंतर्गत दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड़, कोंढाली, काटोल, हिंगना, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, सेमिनरी हिल्स, बुटीबोरी और खापा वन परिक्षेत्र आता है। यहां आस-पास मानव बस्तियां है, जिसके कारण यहां से लकड़ी से लेकर अन्य कारणों के लिए ग्रामवासी जंगल सीमा को पार कर जाते हैं और वन्यप्राणियों से आमना-सामना हो जाता है, जिसमें कई बार वन्यप्राणियों के हमले में इंसानों की जान चली जाती है।

ऐसे हैं मौत के आंकड़े : वर्ष 2020-21 में एक व्यक्ति की बाघ के हमले में मौत हो गई। इसके बाद वर्ष 2021-22 में फिर एक व्यक्ति को बाघ ने अपना निवाला बनाया। वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 5 पर पहुंच गया। ज्यादातर घटनाएं रामटेक परिक्षेत्र में हो रही हैं। इस परिक्षेत्र में बाघों की संख्या प्रादेशिक में काफी ज्यादा हो गई है। इसके अलावा वर्ष 2023-24 में 4 लोगों की मौत हुई है। वहीं इस साल यानी वर्ष 2024-25 में अब तक एक व्यक्ति की जान जा चुकी है। इसमंे हाल ही में उमरेड में एक महिला को तेंदुए ने मार डाला। दरअसल, यह महिला तेंदूपत्ता तोड़ रही थी, तभी तेंदुए ने हमला कर दिया था।

इस तरह होते रहे घायल : वन्यप्राणियों के हमले में घायल होने वाले लोगों की संख्या साल-दर-साल बढ़ रही है। वर्ष 2020 में 26, वर्ष 2021 में 8, वर्ष 2022 में सबसे ज्यादा 57, वर्ष 2023 में 51 व वर्ष 2024 में अब तक 5 लोग घायल हुए हैं, जिसके ऐवज में वन विभाग हर साल करोड़ों का मुआवजा किसानों को दे रहा है।


Created On :   8 Jun 2024 3:23 PM IST

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