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व्यवधान: हरियाली पर संज्ञान, सड़क के किनारे लगाए गए पेड़ों का कोर्ट ने मांगा हिसाब
- जनहित याचिका दायर करके बदहाल महामार्गों का मुद्दा उठाया
- वाहन चालकों को हो रही परेशानी
- अगली सुनवाई 20 मार्च को
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर-अमरावती, नागपुर-भंडारा और नागपुर-उमरेड मार्ग पर हाई-वे और फ्लाई ओवर से लगे सर्विस रोड पर आवागमन में वाहन चालकों को हो रही परेशानी पर बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने संज्ञान लिया है। मामले पर हुई सुनवाई में कोर्ट ने एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी को सड़क के किनारे अब तक कितने पेड़ लगाए गए हैं और उनमें से कितने जिंदा है? इस पर जवाब दायर करने के आदेश दिए। साथ ही इस मामले कोर्ट ने ओसीडब्ल्यू, एमएसईडीसीएल और कॉन्ट्रैक्टर को भी प्रतिवादी बनाते हुए उन्हे भी नोटिस जारी किया है।
याचिका का दायरा बढ़ाया : नागपुर खंडपीठ में एड. अरुण पाटील ने जनहित याचिका दायर करके विदर्भ के बदहाल महामार्गों का मुद्दा उठाया है। सर्विस रोड हाई-वे के समानांतर चलती है, मुख्य रूप से स्थानीय यातायात के लिए पहुंच प्रदान करती है और इस प्रकार हाई-वे पर यातायात को तेजी से आगे बढ़ाने में कम से कम हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान करती है। लेकिन इस सर्विस रोड पर संकरी सड़क, अतिक्रमण और पार्किंग जैसी कई बाधाओं का सामना वाहन चालकों को करना पड़ रहा है। इसलिए कोर्ट ने इस याचिका का दायरा बढ़ाते हुए इसमें सर्विस रोड भी शामिल करने का आदेश दिया है। इनमें नागपुर से अमरावती, नागपुर से भंडारा और नागपुर से उमरेड राजमार्ग के सर्विस रोड शामिल हैं।
अगली सुनवाई 20 मार्च को : पिछली सुनवाई में नागरिकों को हो रही असुविधाओं पर एनएचएआई ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी। साथ ही एनएचएआई ने अनुरोध किया कि शहर की सीमा के भीतर अतिक्रमण हटाने और यातायात व्यवस्था सुचारू करने के लिए मनपा और पुलिस प्रशासन को सहयोग करने के आदेश दिए जाएं। मामले में बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्झा और एनएचएआई की ओर से एड. अनिश कठाणे ने पैरवी की। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च को रखी है।
मुख्य अभियंता खुद निरीक्षण करेंगे : शहर से जाने वाले हाई-वे और फ्लाई ओवर को लगे हुए सर्विस रोड पर आवागमन में वाहन चालकों को हो रही परेशानी को लेकर कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता को जवाब दायर करने आदेश दिए थे। बुधवार को हुई सुनवाई में पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता कोर्ट में उपस्थित रहते हुए बताया कि, दो दिन मैं खुद शहर में जहां जहां समस्या आ रही है, उन सभी जगहों का निरीक्षण करुंगा, इसलिए जवाब दायर करने के लिए अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया। कोर्ट ने उनका अनुरोध मंजूर करते हुए मुख्य अभियंता को 18 मार्च तक शपथ-पत्र दायर करने के आदेश दिए।
Created On :   7 March 2024 1:06 PM IST