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संघ की प्रतिनिधि सभा: सरकार्यवाह पद पर बने रहेंगे होसबले, अब तक 6 सरकार्यवाह बने सरसंघचालक
- प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह का चुनाव होगा
- सरकार्यवाह पद पर दत्तात्रेय होसबले का बने रहना तय
- वर्तमान सरकार्यवाह के पद पर बदलाव होगा तो भाजपा पर संगठनात्मक असर पड़ेगा
डिजिटल डेस्क, नागपुर, रघुनाथसिंह लोधी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह का चुनाव होगा। संघ जानकारों के अनुसार सरकार्यवाह पद पर दत्तात्रेय होसबले का बने रहना तय है। हालांकि यह भी तर्क दिए जा रहे हैं कि सरकार्यवाह सहित सहसरकार्यवाह पद के लिए बदलाव की मांग की जा रही। सरकार्यवाह को सरसंघचालक बनने की प्रक्रिया का महत्वपूर्ण पद भी माना जाता है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि वर्तमान सरकार्यवाह के पद पर बदलाव होगा तो उससे संघ व भाजपा पर संगठनात्मक असर पड़ेगा। गौरतलब है कि 15 मार्च से 17 मार्च तक रेशमबाग स्थित डॉ.हेडगेवार स्मृति भवन में संघ की प्रतिनिधि सभा होगी।
प्रतिनिधि सभा में संघ के संगठनात्मक मामले में 45 प्रांत के 1500 प्रतिनिधि शामिल होंगे। सभा में संघ व उससे जुड़े संगठनों के लिए रणनीतिक कार्ययोजना तय होगी। प्रस्ताव पारित होंगे। यह तय होगा कि संघ किसी दिशा में बढ़नेवाला है। संघ जानकार के अनुसार इस बार यह सभा काफी महत्व की है। लोकसभा चुनाव के पहले संघ इस सभा के माध्यम से देश की राजनीति के लिए कोई बड़ी रणनीतिक कार्ययोजना की घोषणा कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दो बार भाजपा गठबंधन की सरकार बहुमत से सत्ता में हैं। इस बीच भाजपा ने संघ के एजेंडे पर काम करते हुए कुछ ठोस निर्णय लिए है। वर्ष 2025 में संघ अपनी स्थापना की शताब्दी वर्षगांठ मना रहा है।
लिहाजा संघ कार्यों को विस्तार देने के लिए सत्ता का भी सहयोग लिया जाएगा। लिहाजा संघ व भाजपा के बीच फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं बनने दी जाएगी कि किसी तरह का नुकसान उठाना पड़े। अब तक संघ के 7 सरसंघचालक व 14 सरकार्यवाह हुए हैं। इनमें 4 सरकार्यवाह प्रमुखता से सरसंघचालक बने हैं। सरसंघचालकों में डॉ.केशव हेडगेवार, लक्ष्मण परांजपे, माधव गोलवलकर, मधुकर देवरस, प्रा.राजेंद्रसिंह, केसी सुदर्शन व डॉ.मोहन भागवत शामिल है। सरकार्यवाहकों में गोपाल हुद्दार, डी.आर लिमये, एचवी कुलकर्णी, जीएस पाध्ये, माधव गोलवलकर, भैयासाहब काले, भैयाजी दाणी, एकनाथ रानडे, मधुकर देवरस, माधव मुले, प्रा.राजेंद्रसिंह, एचवी शेषाद्रि, डॉ.मोहन भागवत व दत्तात्रेय होसबले का समावेश है।
एचवी शेषाद्रि ने स्वास्थ्य कारणों से सरसंघचालक पद की जिम्मेदारी नहीं ली थी। संघ मामलों के जानकार दिलीप देवधर के अनुसार संघ व उससे जुड़े संगठन पूर्व नियाेजित योजना के अनुसार कार्य करते हैं। प्रतिनिधि सभा में ऐसे निर्णय लिए जा सकतें हैं जो संगठन कार्य को और अधिक गति दे। संघ परिवार से जुडे संगठनों ने देश की राजनीति में वर्ष 2047 का जो लक्ष्य रखा है उसे पाने का प्रयास होगा। सरकार्यवाह पद पर फिलहाल बदलाव की उम्मीद नहीं है।
Created On :   7 March 2024 3:00 PM GMT