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फैसला: बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग पर लगाई कड़ी फटकार , याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ली
- नागपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार संतोष चव्हाण ने याचिका दायर की
- बैलेट पेपर ईवीएम की तुलना में अधिक पारदर्शी होने का सिर्फ दावा किया
- मुद्दों को लेकर ठोस जानकारी नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में 2024 लोकसभा चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर पर कराने की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी, जिस पर मुख्य न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्या. नितीन सांबरे के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने याचिका में दावा किए गए मुद्दों को लेकर ठोस जानकारी नहीं होने पर जमकर फटकार लगाई। उसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
पर्चियों की गिनती करने की मांग : नागपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार संतोष चव्हाण ने यह याचिका दायर की थी। याचिका के अनुसार देश के लोग यह चाहते हैं कि 2024 का लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर पर कराए जाएं। बैलेट पेपर ईवीएम की तुलना में अधिक पारदर्शी है, जिससे नागरिकों को अपना कीमती वोट डालने में अधिक विश्वास मिलता है। देशभर में जागरूक नागरिक और अधिवक्ताओं ने आंदोलन करते हुए ईवीएम बैन करने की मांग की है, इसलिए पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए लोकसभा चुनाव ईवीएम की जगह बैलट पेपर पर कराए जाएं। अगर यह संभव नहीं है, तो 100 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाने की मांग याचिका में की गई थी।
93 प्रतिशत लोग चाहते हैं : याचिका में तर्क दिया गया था कि बामसेफ द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार देश के 93 प्रतिशत लोग बैलेट पेपर पर चुनाव चाहते हैं, जबकि चुनाव प्रक्रिया में बदलाव हो, ऐसे 3 प्रतिशत लोगों का कहना है, वहीं 4 प्रतिशत लोग ईवीएम का समर्थन करते हैं।
होमवर्क का अभाव : कोर्ट ने अपने मौखिक निरीक्षण में कहा कि याचिका में ईवीएम पर चुनाव न हो, इस संदर्भ में केवल सामान्य कथन है। याचिकाकर्ता ने ईवीएम खराब होने का दावा किया है, लेकिन ईवीएम क्यों खराब है, इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं दी है। ईवीएम और वीवीपैट मशीन के संदर्भ में याचिकाकर्ता के होमवर्क में अभाव को देखते हुए कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई।
Created On :   6 April 2024 7:51 AM GMT