फ्रॉड: अधिक मुनाफे का झांसा देकर निवेशकों को लगाया 5.48 करोड़ रुपए का चूना

अधिक मुनाफे का झांसा देकर निवेशकों को लगाया 5.48 करोड़ रुपए का चूना
  • दंपति सहित 4 के खिलाफ प्रकरण दर्ज
  • अपराध शाखा के आर्थिक विभाग करेगी जांच
  • अधिक मुनाफा देकर एजेंट केे जरिए लोगों को जोड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर । दंपति सहित चार लोगों ने आकर्षक योजना का झांसा देकर कई निवेशकों को करोड़ों रुपए से चूना लगाया है। प्रताप नगर थाने में गुरुवार को प्रकरण दर्ज किया गया है। मामला करोड़ों रुपए से जुड़ा होने के कारण अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को इसकी जांच पड़ताल सौंपी जा रही है।

5 से 7 प्रतिशत ब्याज मिलने की जानकारी दी : आरोपी नीलेश उईके (40), उसकी पत्नी प्रियंका उईके (36) त्रिमूर्ति नगर, नेहा रोशन मेश्राम (36) वर्ष कॉसमॉस टाउन त्रिमूर्ति नगर और रश्मि उईके (रश्मि गोडे) 42 वर्ष हैदराबाद आंध्र प्रदेश निवासी है। आरोपी आपस में रिश्तेदार ही हैं। उन्होेंने त्रिमूर्ति नगर के कॉसमॉस टाउन से कॅप्टी इन्वेंस्टमेंट नाम से कंपनी शुरू की। इसके लिए निवेशक के तौर पर शुरुआती दौर में परिचित और रिश्तेदारों को ही कंपनी से जोड़ा। उनके जरिए अन्य लोगों को जोड़ा। आकर्षक योजनाओं का झांसा दिया। निवेश की रकम पर 5 से 7 प्रतिशत ब्याज मिलने की जानकारी दी। साथ ही कहा कि वे कभी भी रकम निकाल सकते है, सिर्फ एक महीना पहले इसकी सूचना देनी होगी।

निवेशकों की रकम से खुद की संपति बनाई : आरोपी ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे हैं। उन्होंने निवेशकों की रकम से खुद की संपत्ति जमाई है। आरोपियों के चल-अचल संपत्ति की जांच-पड़ताल की जा रही है।

29 लोगों ने शिकायत की है : झांसे में आकर रॉयटाउन इसासनी निवासी वासुदेव राऊत (62) ने 1 दिसंबर 2021 को 1 लाख रुपए निवेश किए थे, मगर उन्हें कोई लाभ नहीं मिला है। वासुदेव की तरह कई निवेशकों ने कंपनी में रकम निवेश किए हैं। कुछ नौकरी पेशा हैं, तो कुछ व्यापारी और कुछ गृहिणी। कुछ निवेशकों ने तो सेवानिवृति के पश्चात मिली रकम निवेश की थी। मूल रकम और ब्याज नही मिलने से निवेशकों ने हंगामा खड़ा किया। कंपनी का ऑफिस बंद होने से मामला थाने पहुंचा। निवेशकों में से 29 लोगों ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत की। उन्हें 5 करोड़ 48 लाख 96 हजार 956 रुपए से ठगा गया है। अधिकारी द्वारा मामले में हस्तक्षेप करने से गुरुवार को प्रकरण दर्ज किया गया है। मामला करोड़ों रुपए से जुड़ा होने के कारण अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को इसकी जांच पड़ताल सौंपी जा रही है।

Created On :   10 May 2024 6:26 PM IST

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