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Nagpur News: फांसी पर लटके मिले रिटायर्ड टीचर सहित परिवार के चार सदस्य, तीन के हाथ पैर थे बंधे
- परिवार के बड़े बेटे पर लगा था बैंक घोटाले में लिप्त होने का आरोप
- कुछ दिन पहले ही जमानत पर छूट कर आया था
- मां-बेटों के हाथ पीछे बंधे होने से हत्या की आशंका
Nagpur News : रिटायर्ड टीचर सहित परिवार के चार सदस्यों का शव फांसी पर लटकता मिला। जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया। चारों शव फांसी पर लटके हुए थे, शिक्षक को छोड़कर उसकी पत्नी और दोनों बेटों के हाथ रस्सी से पीछे से बंधे हुए थे। बड़ा बेटा पथ संस्था संचालक था। उस पर घोटाले का आरोप लगा था और कुछ दिन पहले ही वह जमानत पर जेल से छूटा था। बुधवार को नरखेड़ थानांतर्गत हुई इस रौंगटे खड़े कर देने वाली वारदात से हड़कंप मचा रहा। मामले को हत्या और आत्महत्या की नजर से देखा जा रहा है। इसकी सूचना मिलते ही ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। मामला दर्ज किया गया।
मृतकों में विजय मधुकरराव पचौरी की उम्र 68 वर्ष थी। उसकी पत्नी माला विजय पचौरी 53 वर्ष की थी। बड़ा बेटा गणेश विजय पचौरी की उम्र 38 वर्ष और छोटे बेटे दीपक की उम्र 36 वर्ष थी, जो मोवाड़ निवासी थे। वे ओमप्रकाश खोब्रागडे नामक व्यक्ति के मकान में किराए से रहते थे। बुधवार सुबह चारों के शव फांसी पर लटके घर में पाए गए। माला और दीपक के हाथ रस्सी से पीछे बंधे हुए थे, जब्कि गणेश के हाथों के साथ साथ पैर भी बंधे हुए थे। इससे इन तीनों की हत्या होने की आशंका है। संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि विजय ने पहले उनके हाथ पैर बांधकर फांसी पर लटकाया होगा। बाद में खुद फांसी पर लटक गया।
विजय पेशे से शिक्षक था। सेवानिवृत्ती के पश्चात वर्ष 2018 में वह परिवार के साथ वापस गांव में ही रहने आया था। बड़े बेटे गणेश ने पार्टनर आरोपी शैलेष बलिगये और केशव माटे के साथ मातृसेवा निधि लिमिटेड नामक पथ संस्था शुरु की थी। उसकी शाखा मध्य प्रदेश के पांढुर्णा में थी। निवेशकों को ज्यादा ब्याज दर देने का झांसा देकर गणेश और उसके पार्टनरों ने पथ संस्था में घोटाला किया और निवेशकों के लाखों रुपए हजम कर लिए थे।
इसके बाद गणेश और उसके पार्टनरों के खिलाफ पांढुर्णा थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया था। इस मामले में 16 फरवरी 2024 को पांढुर्णा पुलिस ने गणेश को गिरफ्तार किया था। अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में गणेश जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आ गया था। पथ संस्था शुरु करने और घोटाले से पचौरी परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। बरामद सुसाइड नोट में घोटाले में लिप्त नहीं होने का जिक्र है, लेकिन जंगल में लगी आग की तरह खबर फैली तो लोगों की भीड़ जमा हो गई। इसी बीच पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्यार सह दल-बल मौके पर पहुंचे थे। बहरहाल मामले की पड़ताल शुरु है।
Created On :   2 Oct 2024 6:41 PM IST