अड़ंगा: नियोजन भवन फिर विवादों में , 1.34 करोड़ के भुगतान में अटका उद्धाटन

नियोजन भवन फिर विवादों में , 1.34 करोड़ के भुगतान में अटका उद्धाटन
  • कर भुगतान को लेकर ठनी
  • कछुआ गति से हुआ निर्माण कार्य
  • कई बार सामग्री भी हुई चोरी

नीरज दुबे , नागपुर। पिछले कई सालों से सदर इलाके में निर्माणाधीन नियोजन भवन को लेकर विवादों के बादल छंट नहीं रहे हैं। भवन निर्माण पूरा करने के लिए अब तक 3 बार राज्य सरकार से निधि मिल चुकी है, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी निर्माणकार्य पूरा नहीं हो रहा था । 4 साल पहले कोरोना संक्रमण के दौरान चोरों ने आधे-अधूरे भवन के एसी सहित अन्य सामग्री चुरा ली थी। अब नियोजन भवन का काम पूरा होने के बाद मनपा के कर भुगतान को लेकर मामला अटक गया है। मनपा ने नियोजन भवन की नवनिर्मित इमारत के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1 करोड़ 34 लाख 54 हजार 078 रुपए की डिमांड भेजी है। इस भारी भरकम राशि के भुगतान को लेकर मामला अटक गया है। इस रकम का भुगतान नहीं होने पर उद्धाटन के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। लोकनिर्मण विभाग, उपमुख्यमंत्री देेवेन्द्र फड़णवीस से चुनाव पूर्व उद्धाटन कराने का प्रयास कर रहा है, लेकिन मनपा की डिमांड के चलते अब उद्धाटन अटक गया है।

कर डिमांड भेजी : सदर इलाके के नियोजन भवन की नवनिर्मित इमारत को लेकर मनपा के कर विभाग ने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। सर्वेक्षण के आधार पर 1 करोड़ 34 लाख 54 हजार रुपए की डिमांड को नियोजन विभाग को भेजा गया है। इस डिमांड के भुगतान के बाद ही नवनिर्मित इमारत को आक्युपेंसी प्रमाणपत्र जारी हो पाएगा। -मिलिंद मेश्राम, उपायुक्त, कर विभाग, मनपा

डिमांड को कम करने का प्रयास : लोकनिर्माण विभाग की केवल निधि मिलने पर निर्माणकार्य की जिम्मेदारी होती है। मनपा कर सहित अन्य दायित्व को इस्तेमाल करने वाले विभाग को वहन करना होता है। इस मामले में नियोजन विभाग को डिमांड भेज दी गई है, मनपा की ओर से डिमांड को कम करने का प्रयास किया जाएगा। - प्रशांत पुस्तोडे, उप अभियंता, लोकनिर्माण विभाग

चुनाव पूर्व पूरा करने के निर्देश थे : विधानसभा चुनावों से पहले अधूरे नियोजन भवन के काम को पूरा करने का निर्देश मिला था। भवन का काम पूरा हो गया है। अब देवेन्द्र फडनवीस के हाथों उद्धाटन के लिए समय मिलने का इंतजार हो रहा है। दूसरी ओर मनपा ने 1.34 करोड़ रुपए का संपत्ति कर भुगतान का नोटिस देने से उलझन बढ़ गई है। जिला नियोजन कार्यालय से कर की रकम को कम कराने के लिए प्रयास करने की जानकारी लोकनिर्माण विभाग के अभियंता दे रहे हैं।

तीन मर्तबा निधि आवंटन : साल 2010 में भवन निर्माण के लिए 5 करोड़ की राशि मिली थी, लेकिन जगह हस्तांतरण सहित अन्य प्रक्रिया से भवन की लागत बढ़ गई थी। साल 2015 में तत्कालीन पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रयास कर 10.38 करोड़ की अतिरिक्त निधि दिलाई थी। इस निधि से 8.48 करोड़ से सिविल वर्क और 1.09 करोड़ से विद्युतीकरण को पूरा करना था। इस काम को यवतमाल की एन.एस. कन्स्ट्रक्शन कंपनी ने हाथों में लिया था, लेकिन दाम में बढ़ोतरी से काम पूरा नहीं हो पाया। एक बार फिर सिविल कामों के लिए 50 लाख और विद्युत कामों को पूरा करने के लिए 1.40 करोड़ रुपए साल 2019 में लोकनिर्माण विभाग को दिए गए। इस निधि से कांन्फ्रेस और साउंड सिस्टम का काम पूरा किया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है। जिला प्रशासन की ओर से साल 2023 में 14.51 करोड़ रुपए की निधि आवंटित की गई। इस राशि में नियोजन भवन के बिजली उपकरण, पार्किंग, लिफ्ट, फर्नीचर सहित अन्य कामों को पूरा किया गया है।

Created On :   12 July 2024 8:22 AM GMT

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