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नागपुर: फ्लाईओवर निर्माण बना सिरदर्द, धूल-मिट्टी के बीच सांस लेती महिलाएं और नवजात
- प्रदूषण के बीच आवाजाही करने मजबूर
- बीमारियों का बना रहता है खतरा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. बढ़ती आबादी की जरूरत के हिसाब से विकासकार्य होना जरूरी होता है। लेकिन विकासकार्य के दौरान आम जनों की सुविधाएं व स्वास्थ्य की भी चिंता होनी चाहिए। बरसों तक चलनेवाले विकासकार्य से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। विकासकार्य के दौरान निकलनेवाली धूल-मिट्टी, प्रदूषण आदि हवा में घुलकर वहां से गुजरनेवाले हर शख्स के शरीर में जाती है। इतना ही नहीं बड़ी-बड़ी मशीनों की आवाजों से भी ध्वनि प्रदूषण होता है। सोचिए कि यदि दो-चार साल तक नियमित आवाजाही करनेवाले व्यक्ति के शरीर क्या असर होता होगा। विशेषज्ञ की मानें तो फेंफड़ों की बीमारी, नींद की बीमारी, दमा, अस्थमा आदि का खतरा बना रहता है। इस समय इंदोरा से दिघोरी तक लगभग 9 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर निर्माण का काम शुरू है। यह निर्माण डागा अस्पताल में आनेवाली गर्भवती महिलाएं व नवजातों के लिए सिरदर्द बन गया है।
प्रदूषण के बीच आवाजाही करने मजबूर : सूत्रों ने बताया कि डागा अस्पताल में हर रोज 100 से अधिक गर्भवती महिलाएं जांच के लिए अाती है। उनके साथ परिजन भी आते हैं। नियमित टीकाकरण करवाने के लिए बच्चों को लेकर अभिभावक आते हैं। दिनभर में 25 से अधिक महिलाएं प्रसूति के लिए आती हैं। बताया जाता है कि डागा अस्पताल में हर रोज औसत 20 बच्चों का जन्म होता है। इन सभी को इन दिनों फ्लाईओवर निर्माण की धूल-मिट्टी से खराब होती हवा के बीच आना-जाना करना पड़ रहा है। यह हवा आनेजानेवालों के शरीर में प्रवेश कर रही है।
बीमारियों का बना रहता है खतरा : धूल-मिट्टी व प्रदूषण युक्त हवा के कारण शरीर में बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। मेडिकल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल परिसर साइलेंट जोन में शामिल होता है। इसलिए यहां हॉर्न बजाने से लेकर किसी भी तरह की भारी आवाज नहीं की जानी चाहिए। इससे मरीजों व नवजातों पर असर होता है। उन्हें नींद की बीमारी का खतरा होता है। नींद में खलल पड़ने से इससे जुड़ी दूसरी बीमारियां भी होने का खतरा होता है। इसके साथ ही धूल-मिट्टी शरीर में जाने से फेफड़ों की बीमारियां, दमा-अस्थमा का खतरा होता है।
यातायात के साथ स्वास्थ्य भी प्रभावित : इंदोरा से से दिघोरी तक लगभग 9 किलाेमीटर लंबे फ्लाइओवर का निर्माण हो रहा है। इस फ्लाईओवर के गांजाखेत चौक से अग्रसेन चौक के बीच शासकीय डागा स्मृति अस्पताल है। यहां गर्भवती महिलाओं की जांच, प्रसूति व बच्चों का टीकाकरण होता है। इन दिनों फ्लाइओवर के निर्माण कार्य के लिए पिलर का काम डागा के सामनेवाली सड़क पर हो रहा है। इस कारण यातायात तो प्रभावित हो ही रहा है।
इसके अलावा स्वास्थ्य पर भी असर होने का खतरा बना है। सूत्रों ने बताया कि पिलर के लिए खुदाई के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों का उपयोग हो रहा है। मशीनों की आवाज से मरीजों की नींद में खलल पड़ता है। वहीं नवजात बच्चे व गर्भवती महिलाओ को भी मशीनों की आवाज के चलते ध्वनि प्रदूषण का शिकार होना पड़ रहा है।
Created On :   19 May 2024 7:07 PM IST