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फरमान: फसल कर्ज में राहत महसूस कर रहे किसानों को झटका, वसूली रोकी, पर ब्याज देना होगा
- प्रभावितों के कर्ज का अब तक पुनर्गठन नहीं
- सरकार ने आरबीआई को नहीं भेजी जानकारी
- बैंक कर्ज पर ब्याज माफ नहीं करती
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने जिले के 16 राजस्व मंडलों को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए पीड़ित किसानों के फसल कर्ज की वसूली पर रोक व कर्ज को पुनर्गठित करने के आदेश दिए हैं। बैंकों ने संबंधित किसानों से कर्ज वसूली तो रोक दी, लेकिन कर्ज पर ब्याज जारी रहेगा। राहत महसूस कर रहे किसानों के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है।
ब्याज न लेने का आदेश नहीं : बैंक राज्य सरकार ने जिले के 16 सूखाग्रस्त मंडलों के किसानों के लिए कई राहत भरे निर्णय लिए हैं आैर उसी में कर्ज वसूली पर रोक भी शामिल है। कर्ज पर ब्याज जारी रहने से किसानों की पीड़ा कम नहीं होगी। ब्याज जारी रहने की बात से अधिकांश किसान अनभिज्ञ हैं। बैंकों का कहना है कि, कर्ज वसूली पर रोक का आदेश है आैर इसमें ब्याज रोकने का कोई उल्लेख नहीं है। अगर सरकार ब्याज नहीं लेने का आदेश देगी, तो उसे माना जाएगा आैर ब्याज की वसूली सरकार से की जाएगी। बैंक कर्ज पर ब्याज माफ नहीं करती।
...तो कर्ज होने पर भी कर्ज मिलता : किसानों को दूसरा झटका कर्ज का पुनर्गठन नहीं होने से लगा है। सरकार के आदेश को आरबीआई ने यह कहकर रोक दिया कि, पूरे राज्य की जानकारी देनी होगी। 24 मई को पुणे में स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक में यह मुद्दा उठा था। राज्य सरकार ने अभी तक पूरे राज्य की आणेवारी (फसल नुकसान का डेटा) आरबीआई को नहीं दिया है। मानसून करीब है, किसान बुआई करना चाहते हैं। बुआई के लिए खाद-बीज की खरीदारी जरूरी है आैर खरीदारी के लिए पैसा चाहिए। प्रभावित किसानों के कर्ज का पुणर्गठन नहीं होने से इन्हें पहला कर्ज होने पर दूसरा कर्ज नहीं दिया जा रहा है। कर्ज का पुनर्गठन हुआ होता, तो पहला कर्ज का बोझ होने पर भी कर्ज मिल जाता।
सूखाग्रस्त मंडल :
सावनेर अंतर्गत सावनेर, पाटनसावंगी, केलवद, खापा, चिचोली (खापरखेड़ा)
मौदा के तहत निमखेड़ा, खात, तारसा
रामटेक अंतर्गत देवलापार, पवनी, हिवरा बाजार
उमरेड के तहत सिर्सी {कलमेश्वर अंतर्गत मोहपा, गोंडखैरी
{काटोल के तहत येनवा {नरखेड़ के तहत मेंढला
Created On :   14 Jun 2024 10:28 AM GMT