रणनीति: आलाकमान का विश्वास जताने के बाद विपक्ष के निशाने पर हैं फडणवीस, नुकदायक नहीं

आलाकमान का विश्वास जताने के बाद विपक्ष के निशाने पर हैं फडणवीस, नुकदायक नहीं
  • भाजपा के लिए नुकदायक नहीं मानते पार्टी नेता
  • विपक्ष के निशाने पर हैं फडणवीस
  • राज्यभर में पांच मीडिया सेंटर
  • विपक्ष का जवाब देने की बजाय काम के प्रचार पर जोर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव में आशा के अनुरूप परिणाम न मिलने के बावजूद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इसके बाद से फडणवीस लगातार विपक्ष के निशाने पर है। सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजीत पावर की तुलना में फडणवीस विपक्ष के ज्यादा ’लाडला’ साबित हो रहे हैं।

भाजपा नेताओं का मानना है कि महा आघाड़ी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजीत पावर की तुलना में फडणवीस को ज्यादा निशाना बना रहा है। हालांकि पार्टी के नेता इसे अपनी पार्टी के लिए फायदेमंद भी मानते हैं। मुंबई भाजपा के उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी कहते हैं कि दरअसल फडणवीस ने हमेशा विकास की राजनीति की है। इसलिए जाति-धर्म की राजनीति करने वाले उन्हें निशाना बनाने की असफल कोशिश करते रहते हैं। मुंबई भाजपा के प्रवक्ता अजय सिंह ने कहा कि विपक्ष उपमुख्यमंत्री फडणवीस से भय खाता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने विकास पुरुष के रूप में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की छवि को धूमिल करने की कोशिश शुरू कर दी है। हालांकि वे इसमें सफल नहीं हो सकेंगे।

पार्टी के एक केंद्रीय पदाधिकारी कहते हैं कि पिछले दिनों आरएसएस और भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने फडणवीस के नेतृत्व में ही आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर हरी झंडी दी थी। इसके बाद प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक में विधानसभा चुनाव संबंधित सभी महत्वपूर्ण फैसले लेने की जिम्मेदारी फडणवीस को सौंपे जाने का फैसला हुआ था। उसके बाद से उन पर विपक्ष के हमले बढ़ गए हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि उद्धव ठाकरे के हालिया जुबानी हमलों से समझा जा सकता है कि देवेन्द्र फडणवीस का प्रभाव बढ़ रहा है। साथ ही उद्धव फडणवीस की तुलना में सत्ताधारी दलों के अन्य प्रमुख नेताओं को तवज्जो नहीं देना चाहते। जबकि लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष समझ रहा था कि अब फडणवीस पार्टी में किनारे कर दिए जाएंगे।

बीते लोकसभा चुनाव परिणामों को छोड़ दे तो राज्य में फडणवीस का प्रदर्शन अच्छा रहा है। खासकर 2014 के बाद से जब उनके नेतृत्व में पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 122 सीटें जीती थीं। जून 2022 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे के शपथ ग्रहण के दौरान, देवेंद्र फडणवीस ने शुरू में कहा था कि वह नए प्रशासन का हिस्सा नहीं होंगे। हालांकि, फड़नवीस ने केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के बाद उपमुख्यमंत्री का पद संभाला। फडणवीस ने बतौर मुख्यमंत्री अपने पहले कार्यकाल के दौरान राज्य के बुनियादी ढांचे को नया स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस विधानसभा चुनाव में पार्टी इसका भी प्रचार करेगी।

राज्यभर में पांच मीडिया सेंटर, विपक्ष का जवाब देने की बजाय काम के प्रचार पर जोर

पिछले दिनों प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी प्रभारी भूपेंद्र यादव और मीडिया प्रभारी के के उपाध्याय ने पार्टी प्रवक्ताओं के साथ बैठक की। इस दौरान फैसला लिया गया कि राज्य के अलग-अलग विभागों में पांच मीड़िया सेंटर खेोले जाएंगे। इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं से कहा गया कि विपक्ष के उलजुलूल आरोपों का जवाब देने में अपनी ऊर्जा लगाने की बजाय केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार पर जोर दिया जाए। इस दौरान लाडली बहन योजना को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने को कहा गया। साथ ही सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने को भी कहा गया।

Created On :   23 Aug 2024 9:07 PM IST

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