शिकार: 5 वर्ष में 37 बाघों का किया गया शिकार, जहर और करंट से उतारा गया मौत के घाट

5 वर्ष में 37 बाघों का किया गया शिकार, जहर और करंट से उतारा गया मौत के घाट
  • मौत का सबसे बड़ा कारण अवैध शिकार
  • लाख उपाय योजना करने के बाद भी नहीं थम रही घटनाएं
  • ट्रैप में फंसाकर भी मारा जाता है बाघों को

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ में बाघों की संख्या भले ही बढ़ती जा रही है, लेकिन इनकी मौत का आंकड़ा भी थम नहीं रहा है। बाघों की मौत का कारण सबसे ज्यादा अवैध शिकार है। यह राज्य के आंकड़े बयां कर रहे हैं। गत पांच साल की बात करें, तो 37 बाघों को अवैध शिकार कर मारा गया है, जिसमें सबसे ज्यादा कंरट लगाकर बाघों की जान ली गई है। हर तीन साल बाद एनटीसीए की ओर से बाघों की गणना की जाती है। वर्तमान स्थिति में राज्य की बात करें, तो कुल 444 बाघ हैं, जिसमें सबसे ज्यादा बाघ विदर्भ में हैं। इन बाघों की सुरक्षा को लेकर लाख उपाय योजना करने के बाद भी बाघों को अवैध शिकार से नहीं बचाया जा रहा है। गत पांच साल के आंकड़े कुछ यही बयां कर रहे हैं।

इस तरह से हो रहे शिकार : आंकड़ों को देखें, तो तीन तरह से बाघों को मारा जा रहा है, जिसमें एक विषबाधा, दूसरा करंट देकर व आखिर में ट्रैप में फंसाकर मारा जा रहा है। सबसे ज्यादा करंट से बाघों को मारने का मामला सामने आया है। बाघों की मूवमेंट को जानकार शिकारी यहां करंट लगाकर तारों को रख देते हैं, जिसके संपर्क में आते ही बाघ की तड़प-तड़प कर मौत हो जाती है। इसी तरह दूसरा मामला विषबाधा है। एक बार किसी बाघ ने किसी मवेशी या वन्यजीव का शिकार किया, तो बाघ इसे आधा खाकर कुछ हिस्सा बाद में खाने के लिए छोड़ देते हैं। शिकारी इसी का फायदा उठाकर ऐसे खाये शिकार पर जहर डाल देते हैं, जिससे बाघ के खाते ही उनकी मौत हो जाती है। तीसरा तरीका ट्रैप में फंसाकर बाघों को मारने का है।

कब कितने बाघ मरे : वर्ष 2020 में 8 बाघ मरे हैं, जिसमें 4 को विषबाधा से एक को करंट से व एक को ट्रैप में फंसाकर मारा गया है। वर्ष 2021 में 4 को जहर देकर, 3 को करंट व 2 को ट्रैप से मारा है। वर्ष 2022 में 4 को करंट से, वहीं 3 को ट्रैप में फंसाकर मारा है। वर्ष 2023 में 2 को विषबाधा कर 9 को करंट देकर और 2 को ट्रैप में फंसाकर मारा गया है।


6 बाघों की मौत का कारण पता नहीं :वर्ष 2022 में एक व वर्ष 2024 में अब तक 5 ऐसे कुल 6 बाघों की मौत किस कारण से हुई है, यह किसी को पता नहीं है। वन विभाग इन बाघों के मौत का कारण अभी तक ढूंढ़ ही नहीं पाया है।

Created On :   21 Jun 2024 4:05 PM IST

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