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अनदेखी: सरकारी अस्पतालों में आवारा श्वानों का डेरा, अस्पताल प्रबंधन की लचर कार्यप्रणाली
- मनोचिकित्सालय में मरीज पर किया था हमला
- सुविधाओं को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला अस्पताल में सुविधाओं को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं लेकिन अब तो हद हो गई जब आवारा श्वानों ने यहां डेरा जमा रखा है। कुछ दिनों पहले प्रादेशिक मनोचिकित्सालय में आवारा श्वान ने वार्ड में घुसकर मरीज पर हमला कर दिया था। मरीज को काटने के बाद श्वान भाग गया। चिकित्सकों ने तुरंत औषधोपचार किया। तब जाकर वहां के सुरक्षा कर्मियों ने आवारा श्वानों को भगाना शुरू किया। लेकिन दो-तीन दिन बाद स्थिति फिर से पहले जैसी हो गई। केवल मनोचिकित्सालय में ही नहीं शहर के सभी सरकारी अस्पताल परिसर में आवारा श्वान डेरा जमाए रहते हैं।
कोई उपाययोजना नहीं की जा रही : रात के समय में जब परिसर में और मुख्य इमारतों में सन्नाटा होता है, उस समय किसी मरीज को लाने-ले जाने के लिए लोग आते हैं, तो उन्हें आवारा श्वानों का डर लगता है। अस्पताल परिसर में घूमनेवाले श्वानों के हमले का डर बना रहता है। बताया जाता है कि श्वानों के अलग-अलग समूह 4-5 की संख्या में एकत्रित रहते हैं। जिससे आवाजाही करनेवाले लोगों को डर लगता है। मनोचिकित्सालय में हुई घटना के बाद वहां आवारा श्वानों को लेकर गंभीरता दिखाई जा रही है। लेकिन दूसरे सरकारी अस्पताल परिसर में आवारा श्वानों को लेकर कोई उपाययोजना नहीं की जा रही है।
परिसर व इमारतों के भीतर भी श्वान : मेडिकल परिसर में प्रवेश करते ही अनेक स्थानों पर आवारा श्वान नजर आते हैं। दिनभर इधर-उधर मंडराने के बाद रात में मेडिकल की इमारत, कॉरिडोर यहां तक की वार्डो के आसपास आवारा श्वान नजर आते हैं। कई बार पहले माले पर भी आवारा श्वानों का झुंड आराम फरमाते दिखाई देता है। मेयो में भी यही हाल है। यहां की पुरानी इमारतों के आसपास व इमारतों के भीतर श्वान घूमते या आराम करते नजर आते हैं। इसके अलावा सुपर स्पेशालिटी अस्पताल, डागा अस्पताल में भी आवारा श्वानाें की खुलेआम आवाजाही होती है। वार्डों के आसपास व परिसर में श्वान दिखाई देते हैं।
Created On :   19 May 2024 7:21 PM IST