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कोर्ट-कचहरी: हाई कोर्ट ने एनएएचआई की कार्यप्रणाली व अतिक्रमण को लेकर भी लगाई फटकार
- दो मामलों की सुनावाई के दौरान हलफनामा पेश करने का आदेश
- जिम्मेदार अधिकारी को प्रस्तुत रहने के आदेश
- एनएचएआई पर जताई नाराजगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महामार्ग की अवस्था को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई है। इतना ही नहीं 8 मई को अगली सुनवाई के दौरान एनएएचआई के जिम्मेदार अधिकारी को प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है। दूसरी तरफ अंबाझरी बांध और नाले पर अतिक्रमण को लेकर भी सख्त रुख अख्तियार किया है।
जनहित याचिका पर सुनवाई : गौरतलब है कि एड. अरुण पाटील की ओर से हाईवे की दुर्व्यवस्था को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई में नागपुर-फेटरी हाईवे को बगैर प्रादेशिक एनएएचआई कार्यालय की जानकारी के कार्रवाई करते हुए हाईवे की श्रेणी से हटा दिया गया है। ऐसे में अगली सुनवाई के दौरान 8 मई को एनएएचआई के दिल्ली स्थित कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी को प्रस्तुत रहने का निर्देश दिया है।
पौधारोपण का ब्योरा दें : इस याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने हाईवे पर पौधारोपण को लेकर भी नाराजगी जताई है। न्यायालय में दायर हलफनामे में एनएएचआई की ओर से 1 मीटर के अंतर में 129 फीसदी पौधारोपण करने की जानकारी दी गई। ऐसे में इंडियन रोड कांग्रेस की गाइड लाइंस का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता अरुण पाटील की ओर से न्यायालय मित्र अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने दावे को निराधार बताया। ऐसे में न्यायालय ने सभी ठेका एजेंसियों को पौधारोपण अंतर्गत होने वाले पौधों की प्रजाति, स्थान समेत जियो टैगिंग कर जीवित होने के प्रमाण का हलफनामा दायर कर देने का आदेश भी दिया है। इसके साथ ही पांडे ले-आउट में मनपा की ओर से सीवेज लाइन के लिए रास्तों की खुदाई पर मनपा को भी हलफनामा देने का निर्देश दिया है।
सोमवार तक की दी मोहलत : अंबाझरी बांध और नाले पर अतिक्रमण को लेकर लक्ष्मी नगर जोन के उप अभियंता की ओर से दायर हलफनामे पर हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने फटकार लगाते हुए मुख्य अभियंता को प्रत्यक्ष निरीक्षण करने का आदेश दिया। प्रत्यक्ष निरीक्षण के बाद हाई कोर्ट में सोमवार तक सुधारित प्रतिज्ञापत्र दायर करने का आदेश भी मनपा के मुख्य अभिंयता को दिया है।
रोक दिया है नाले का प्रवाह : गोपालनगर इलाके में नाले के प्रवाह वाले हिस्से में नागरिकों ने अतिक्रमण कर करीब 13 घर समेत अन्य स्ट्रक्चर बना लिया है। अतिक्रमण करने से नाले का प्रवाह बंद होने को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद लक्ष्मी नगर जोन की ओर से स्ट्रक्चरों को तोड़कर फोटो के साथ हलफनामा उपअभियंता की ओर से दायर किया गया था, लेकिन गुरुवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अतिक्रमण वाले एक अन्य घर को बचाने का आरोप लगाते हुए गलत हलफनामा प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया। इसके बाद न्यायालय ने मुुख्य अभियंता को प्रत्यक्ष निरीक्षण कर हलफनामा सोमवार तक दायर करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधि. तुषार मंडलेकर ने पक्ष रखा, जबकि मनपा की ओर से अधि. जैमिनी कासट ने पैरवी की।
Created On :   4 May 2024 1:55 PM GMT