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खतरा: नागपुर जिले में 7 जगह संवेदनशील जहां बाघों से अक्सर हो रहा इंसानी टकराव
- वनविभाग की कोशिशों के बावजूद लगातार बढ़ रही है घटनाएं
- संघर्ष टालने में नहीं मिल पा रही है कामयाबी
- वनविभाग हुआ परेशान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाघों की बढ़ती संख्या व सिकुड़ते जंगल के कारण इंसानी इलाकों में भी बाघों से आमना-सामना हो रहा है। केवल नागपुर जिले की बात करें तो प्रादेशिक व वाइल्ड लाइफ की 7 जगह संवेदनशील बनी है, जहां मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं आए दिन हो रही हैं। वन विभाग इस पर लगाम लगाने की कोशिश में लगा है, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है।
लगातार हिंसक घटनाएं : वन विभाग के पास दो तरह के क्षेत्र आरक्षित होते हैं। एक प्रादेशिक व दूसरा वाइल्ड लाइफ। दोनों ही क्षेत्रों में बाघ का अस्तित्व रहता है, लेकिन प्रादेशिक में बाघ कम ही देखे जाते हैं। हालांकि उक्त दोनों इलाकों के समीप इंसानी बस्ती होती है। कुछ समय पहले तक साल-दो साल में एकाध बार ही इंसानी बस्ती में वन्यजीवों से आमना सामना होता था, लेकिन अब आए दिन ऐसा हो रहा है।
खतरा दोनों ओर बरकरार : इससे एक ओर इंसानों की जान को खतरा है, वहीं दूसरी ओर बाघ की जान भी खतरे में पड़ रही है। नागपुर जिले में वन विभाग के सात प्वाइंट हैं, जिसे संवेदनशील कहा जा रहा है। प्रादेशिक में दक्षिण व उत्तर उमरेड तथा रामटेक में देवलापार, यहां हाल ही में एक बाघ ने इंसान की जान ली है। दूसरा प्वाइंट पेंच व्याघ्र प्रकल्प की हद में आता है, जिसमें पवनी युनी रेंज, डोंगरतल, कडबीकिडा व सुरेरा है। यहां निवासियों को आए दिन बाघ का सामना करना पड़ता है।
घायलों की संख्या भी बढ़ रही : वर्ष 2024-25 में अब तक 1 व्यक्ति की जान गई है। हालांकि इसमें तेंदुए ने हमला किया था। यह घटना हाल ही में उमरेड में हुई, जहां एक महिला तेंदुपत्ता तोड़ रही थी। इसके अलावा वन्यजीवों के हमले में घायल होने वालों की संख्या प्रति साल बढ़ रही है। वर्ष 2020 में 26, वर्ष 2021 में 8, वर्ष 2022 में सबसे ज्यादा 57, वर्ष 2023 में 51 व वर्ष 2024 में अब तक 5 लोग घायल हुए हैं।
इन दिनों मूवमेंट बढ़ी है : पेंच व्याघ्र प्रकल्प में पवनी युनी रेंज, डोंगरतल, कडबीकिडा व सुरेरा में इन दिनों टाइगर मूवमेंट ज्यादा है। हमारी ओर से नजर रखी जा रही है, ताकि सभी सुरक्षित रहे। -डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, क्षेत्र संचालक, पेंच व्याघ्र प्रकल्प नागपुर
मूवमेंट कंट्रोल करने की कोशिशें : प्रादेशिक में इन दिनों उत्तर व दक्षिण उमरेड में बाघ इंसानी इलाकों में पहुंच रहे हैं। वहीं रामटेक के देवलापार में तो हाल ही में एक मौत भी सामने आई है। हमारी ओर से टाइगर मूवमेंट को कंट्रोल करने के लिए सभी कोशिश की जा रही है। -डॉ. भारतसिंह हाडा, उपवनसंरक्षक (प्रादेशिक) वन विभाग नागपुर
Created On :   20 Jun 2024 11:26 AM IST