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जलस्तर: नागपुर जिले के 3 मध्यम श्रेणी बांध लबालब , बड़े बांधों में भी संचय बढ़ा
- नांद बांध के 7 गेट खोले गए
- साल भर के लिए पर्याप्त जलसंचय की उम्मीद
- एक -दो झड़ी में दूर होगी समस्या
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले सप्ताह भर से जिले समेत संभाग में जोरदार बरसात से बांधों का जलस्तर में खासा इजाफा हो गया है। जिले के दो बड़े बांधों कामठी खैरी और रामटेक खिंडसी का स्तर 80 फीसदी पहुंच गया है, जबकि तीसरे बड़े बांध तोतलाडोह का स्तर 74.79 हाे गया है। शहर में जलापूर्ति के लिए तोतलाडोह का ही सहारा होता है। वहीं दूसरी ओर नांद और वड़गांव बांध में भी जलस्तर बढ़ने से पांच गेट को खोला गया है। जिले के मध्यम स्तर के 12 बांधों में से 3 भी पूरी तरह से लबालब हो गए है। ऐसे में अब साल भर के लिए पर्याप्त जलसंचय बने रहने की उम्मीद है।
जिले में सोमवार से जारी बरसात के चलते बांधों में खासा जलसंचय बन गया है। नांद बांध में 19.13 दशलघमी, वडगांव में 87.78 दशलघमी, तोतलाडोह में 757.44 दशलघमी, कामठी खैरी में 120.97 दशलघमी और रामटेक खिंडसी में 120.97 दशलघमी जलसंचय हो चुका है। नांद बांध के 39.56 क्यूमेक जलविसर्ग के लिए 2 गेट को खोला गया है, जबकि वड़गांव बांध से 123.14 क्यूमेक जलविसर्ग के लिए 3 गेट को खोला गया है। इसके अलावा जिले के मध्यम स्तर के 3 बांध शत प्रतिशत हो गए है, इनमें मोरधाम, पांढराबोड़ी और सायकी का समावेश है। इन बांधों से भी जलविसर्ग आरंभ कर दिया गया है, जबकि मकरधोकड़ा, चंद्रभागा, और कान्होलीबारा भी 85 फीसदी लबालब हो गए है। पिछले सप्ताह तक जिले के मध्यम स्तर के 12 बांधों में 68.03 दशलघमी जलसंचय पाया गया था, लेकिन सप्ताह भर की बरसात में स्तर बढ़ कर 116.73 दशलघमी पहुंच गया है।
तीन जिलों के बांधों में भी जलस्तर बढ़ोतरी : जिले के साथ ही संभाग में गोंदिया के धापेवाड़ा बैरेज में जलस्तर बढ़ने पर 23 गेट को खोला गया है। इसके साथ ही सिरपूर और पुजारी टोला के भी गेट को खोलने की नौबत आ गई है। चंद्रपूर में आसोलामेंढा के शत प्रतिशत लबालब होने के साथ ही ईरई में जलस्तर बढ़ने पर दोनों बांध के गेट खोले गए है। भंडारा के गोसीखुर्द में 3 गेट से 2 मीटर और 31 गेट से 1.50 मीटर के जलविसर्ग के लिए खोला गया है। जिले के अलावा गड़चिरोली के दीना प्रोजेक्ट और चंद्रपूर के आसोलामेंढा शत प्रतिशत हो गए है। पिछले सप्ताह भर में लगातार बरसात के चलते गोंदिया के कालीसरार, चंद्रपूर के ईरई और गड़चिरोली के दीना प्रोजेक्ट को संभावित बाढग्रस्त इलाके के रूप में चिन्हित किया गया है।
Created On :   24 July 2024 4:30 PM IST