आफत: मूसलाधार बारिश ने किया पानी-पानी, निचली बस्तियां जलमग्न, प्रशासन के दावों की खुली पोल

  • नागरिकों के नुकसान और परेशानी को लेकर कोई जवाबदेही तय नहीं
  • कई स्थानों पर पेड़ हुए धराशायी , हटाकर यातायात किया शुरू
  • झोपड़पट्टी और कच्चे मकानों में रहने वालों की फजीहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर । शनिवार की सुबह तेज बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया। जगह-जगह जलजमाव और पानी से हुए नुकसान ने एक बार फिर प्रशासन की पोल खोल दी। महानगरपालिका की लापरवाही के चलते 23 सितंबर 2023 को तबाही का मंजर एक बार फिर से शनिवार को शहर में याद आ गया। इस साल आयुक्त डॉ अभिजीत चौधरी समेत प्रशासन सुरक्षा और इंतजामों को लेकर बड़े-बड़े दावे करते रहे, लेकिन उपाययोजना के नाम पर बगैर जवाबदेही के कामों की पोल खुल गई। शनिवार की सुबह से ही अंबाझरी, रामनगर, धरमपेठ, शंकरनगर, लक्ष्मीनगर समेत पूरे शहर में खुद को बचाने की कश्मकश आरंभ हो गई। राहत कार्याें के नाम पर मनपा के अग्निशमन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपने संसाधनों के साथ जुटे नजर आए। शहर के नरेन्द्रनगर पुल, सीताबर्डी के नए नवेले अंडरपास, मनीषनगर अंडरपास, मेहंदीबाग रेलवे ओवरब्रिज में जलजमाव होने से भीतर संपर्क पूरी तरह से टूट गया।

अनेक घरों और इलाकों में पानी घुसा : मनपा प्रशासन की ओर से नाग नदी, पीली नदी और पोहरा नदी के साथ ही शहर के 227 नालों की बेहतरीन सफाई का दावा किया गया, लेकिन शनिवार को बरसात के सामने सारी पोल खुल गई। भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड, आसीनगर के चांभारनाला, नंदनवन में नाग नदी से जुड़े इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए। बालाजी नगर में घरों में और धंतोली में अनेक घरों में पानी घुसने के बाद अग्निशमन विभाग के समर्सिबल पंप लगाकर पानी को निकाला गया। इसके साथ ही गोरोबा मैदान के जगजीवनराम नगर में आंबेडकर उद्यान के समीप भी करीब 15 घरों में पानी घुस गया। अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने राहत कार्य कर पंप की सहायता से पानी निकाला। वहीं दूसरी ओर लक्ष्मीनगर के 8 रास्ता चौक पर पेड़ के धराशायी होने से राहत कार्याे के साथ ही यातायात पूरी तरह से जाम हो गया था। पेड़ को काटकर हटाने के बाद व्यवस्था सुचारू हो पाई।

मनपा के अधिकारी की लापरवाही : शनिवार को एक बार फिर शहर ने मनपा आयुक्त समेत अन्य आला अधिकारियों के खोखले दावों का कहर भुगत लिया। पिछले साल 23 सितंबर को अंबाझरी में सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी की अधिकारी की लापरवाही से शहर में बाढ की स्थिति बन गई थी। इस मर्तबा भी नदी और नाला सफाई के नाम पर खानापूर्ति करने से नागरिकों को खासा परेशान होना पड़ा है। भांडेवाड़ी के भीतर निजी कंपनियों की सुविधा के लिए करोड़ों के रास्तों को निर्माणकार्य करने के लिए पीएचई की अधीक्षक अभियंता डॉ श्वेता बनर्जी ने अधिकारियों को 15 दिनों पहले फटकारा है, लेकिन एक अधिकारी की ओर से भांडेवाड़ी की सुरक्षा दीवार की बुरी स्थिति की जानकारी देने पर भी कोई पहल नहीं हुई है। ऐसे में अब शनिवार को परिसर के इलाकों में क्षतिग्रस्त दीवार के मामले में भी आयुक्त डॉ अभिजीत चौधरी की ओर से लीपापोती करने का प्रयास किया गया। लगातार लापरवाही और अधिकारियों से बदसलूकी कर मनमानी करने वाली अधीक्षक अभिंयता को बचाने का प्रयास कर रहा है।

Created On :   20 July 2024 4:34 PM IST

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