नई राह: 1672 नेत्रदान, 545 को रोशनी, 1092 ने खोली समाज की आंखें, बढ़ी सकारात्मकता

1672 नेत्रदान, 545 को रोशनी, 1092 ने खोली समाज की आंखें, बढ़ी सकारात्मकता
  • रक्तदान, नेत्रदान, अंगदान और देहदान के प्रति समाज में बढ़ी जागरुकता
  • केराटोप्लास्टी से हुआ प्रत्यारोपण
  • कार्निया का उपयोग नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर. रक्तदान, नेत्रदान, अंगदान और देहदान के प्रति समाज में सकारात्मकता दिखाई दे रही है। कोरोनाकाल के दो साल छोड़ दिए जाएं तो जिले में हर साल 400 से अधिक नेत्रदान हो रहा है। पिछले 50 महीने में 1675 नेत्रदान हुआ है। नेत्रदान के दौरान प्राप्त कार्नियां से 545 दृष्टिहीन लोगों को रोशनी मिली है। अन्य आंखें अलग-अलग कारणों से काम नहीं आने से अध्ययन व अनुसंधान के उपयोग में ली गई है।

केराटोप्लास्टी से हुआ प्रत्यारोपण

नेशनल प्रोग्राम कॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस अंतर्गत जिले में 2019-20 से फरवरी 2024 तक कुल 50 महीने में 1672 लोगों का नेत्रदान हो चुका है। इस कालावधि में 545 लोगों को केराटोप्लास्टी के माध्यम से कार्निया प्रत्यारोपण किया गया है। वहीं नेत्रदान से प्राप्त 1092 आंखें अलग-अलग कारणों से उपयोग में नहीं आ सकी। इस कारण इन आंखों का उपयोग अध्ययन व अनुसंधान के लिए किया गया है। मृत्युपरांत दाता की आंखें (आई बॉल्स) निकाली जाती है, लेकिन रोशनी देने के लिए केवल कार्निया ही काम आता है। नेत्रदान से प्राप्त आंखों से कार्निया अलग कर दृष्टिहीनों को प्रत्यारोपित किया जाता है।

इन कारणों से कार्निया का उपयोग नहीं

उम्रदराज व्यक्ति की आंखें पहले से कमजोर होती हैं, इसलिए उनकी आंखों का कार्निया किसी को रोशनी देने योग्य नहीं होता है। ऐसे में नेत्रदान होने के बाद उनकी आंखें अध्ययन व अनुसंधान के काम के लिए ली जाती हैं।

कई लोगों कों आंखों की विविध बीमारियां होती हैं। ऐसे में उनकी आंखों के कार्निया का प्रत्यारोपण संभव नहीं होता। युवाओं की आंखों का कार्निया ही रोशनी देने में सक्षम होती हैं।

आंखों का कार्निया किसी पर प्रत्यारोपित करने से पहले उसकी विविध तरह की जांच की जाती है। कार्निया की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है। जब तक इस बात की पुष्टि नहीं होती कि उस कार्निया से रोशनी मिलेगी, तब तक प्रत्यारोपण नहीं किया जाता।

पिछले चार साल दो महीने में नेत्रदान के दौरान प्राप्त आंखों में से केवल 32 फीसदी कार्निया ही रोशनी दे पाए हैं। 68 फीसदी आंखें चिकित्सा शिक्षा के अध्ययन व अनुसंधान कार्य के लिए उपयोग में ली गई है।




Created On :   3 April 2024 7:26 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story