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सेहत की बात :: खर्रा से बचना जरूरी , वर्ना नहीं बचेंगे दांत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार ने खर्रा, तंबाकू व तंबाकूजन्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन जिले में इसका असर दिखाई नहीं देता है। जिन विभागों के पास कार्रवाई के अधिकार हैं, वे सिर्फ दिखावे की कार्रवाई कर इतिश्री कर लेते हैं। धड़ल्ले से खर्रा, तंबाकूजन्य पदार्थ दुकानों पर बिक रहे हैं। परिणाम स्वरूप शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में आने वाले मरीजों में से 40 फीसदी मरीजों के दातों में खराबी दिखाई देती है। इन मरीजों के दांत खर्रा व तंबाकू के कारण खराब होने की जानकारी है। इसके साथ ही उन्हें दूसरी बीमारियां होने का खतरा भी बना रहता है। इससे बचाव के लिए चलाए जाने वाले जागरुकता अभियान का कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है, इसलिए डॉक्टरों का कहना है कि खर्रे से बचो, नहीं तो हंसने लायक नहीं रहेंगे।
खराब हो जाते हैं दांत : शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (डेंटल) में आने वाले मरीजों में 40 फीसदी मरीजों के दात खर्रे के कारण खराब होने की जानकारी सूत्रों ने दी है। यहां की हर रोज की ओपीडी संख्या औसत 400 मरीजों की है। इसमें ग्रामीण व शहरी दाेनों क्षेत्रों के मरीजों का समावेश होता है। इनमें से 30 फीसदी ग्रामीण क्षेत्र के व 10 फीसदी शहरी क्षेत्र के मरीज होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। दांत खराब होने का प्रमुख कारण खर्रा है। खर्रा खाने से शुरुआत में ही दांत खराब होने लगते हैं। जब उनका उपचार किया जाता है, तो कुछ दिन बंद करने के बाद फिर से खर्रा खाना शुरू कर देते हैं। दातों की सफाई व उपचार के बाद जब दोबारा खर्रा शुरू किया जाता है, तो दातों की खराबियां और अधिक तेजी से बढ़ने लगती हैं।
एक साल में 15 फीसदी मरीज बढ़े : खर्रा, गुटखा व तंबाकूजन्य पदार्थों के सेवन से दातों की बीमारियां बढ़ रही हैं। खर्रे के कारण होने वाली बीमारियों का प्राथमिक अवस्था में इलाज करने पर मुंह के कैंसर से बचा जा सकता है। अन्यथा ओरल प्री कैंसर का खतरा रहता है। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया, तो ओरल कैंसर की संभावना होती है। पिछले साल खर्रे के कारण दातों की बीमारी वाले मरीजों की संख्या 25 फीसदी थी। सालभर में यह संख्या 15 फीसदी बढ़ चुकी है। अब हर रोज औसत 40 फीसदी यानी 160 मरीज खर्रे के शिकार पाए जा रहे हैं। इनमें दातों और मसूड़ों की खराबी के अलावा मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण भी दिखाई देते हैं।
तेजी से फैल रहीं बीमारियां : खर्रे के कारण दांत टूटना, दातों का गलना, चेहरे पर झुर्रियां पड़ना, मसूड़े पर छाले पड़ना, मुंह का कैंसर होना जैसी प्रमुख बीमारियां होती हैं, वहीं धूम्रपान से दिल की धड़कन व रक्तदाब बढ़ जाता है। इसके अलावा दिल की बीमारी, लकवा, डायबिटिज, गठिया, फेफड़ा रोग आदि की संभावना बनी रहती है। यदि बीमारी बढ़ जाए, तो इसका कोई इलाज नहीं है। खर्रे के कारण दातों की बीमारियां सर्वाधिक फैल रही हैं। तंबाकू में निकोटिन समेत अनेक खतरनाक रसायन होते हैं, जो दांतों को खराब करने के साथ अन्य व्याधियां पैदा करते हैं। सूत्रों ने बताया कि शौकीनों पर जागरुकता कार्यक्रमों का भी कोई असर होता दिखाई नहीं देता है।
Created On :   26 Dec 2023 6:06 PM IST