परेशानी: गणेशोत्सव में सिलेंडर की वेटिंग बढ़ी, मुंबई- गुजरात में भारी बारिश से भी असर

गणेशोत्सव में सिलेंडर की वेटिंग बढ़ी, मुंबई- गुजरात में भारी बारिश से भी असर
  • भोजन कार्यक्रमों से गैस की खपत बढ़ी
  • मुंबई व गुजरात में हुई भारी बारिश का भी हुआ असर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गृहिणियों को गणेशोत्सव में घरेलु गैस सिलेंडरों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। जिले में लगभग 4 लाख घरों में गणेशजी की स्थापना होती, हर दूसरे घर में भोजन कार्यक्रम होता है। ऐसे में गैस की खपत बढ़ जाती है। गैस की खपत अचानक बढ़ने से सिलेंडरों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। राज्य में गणेशोत्सव सबड़े बड़ा धार्मिक आयोजन होता है। जिले (शहर व ग्रामीण) में लगभग 4 लाख घरों में गणेशजी स्थापना होती है। जिन घरों में गणेशजी विराजे उसके हर दूसरे घरों में भोजन कार्यक्रम होता है। इसी तरह सार्वजनिक गणेश मंडलों द्वारा भी बड़े पैमाने पर महाप्रसाद का आयोजन होता है। इसकारण गैस सिलेंडर की मांग अचनाक बढ़ जाती है और इसका असर गैस सिलेंडर की सप्लाई पर होता है।

खापरी व बोरखेडी में होती है रिफिलिंग

इस बार मॉनसून भी औसत से ज्यादा हुआ। सिलेंडरों की रिफिलिंग खापरी व बोरखेडी में होती है। खापरी में एचपी व इंडेन आइल की व बोरखेडी में बीपी के सिलेंडरों में गैस भराई जाती है। गैस मुंबई व गुजरात से यहां आती है। मुंबई व गुजरात में भारी बारिश होने का असर परिवहन व्यवस्था पर हुआ है। यहां गैस की ज्यादातर सप्लाई गुजरात से होती है। इस बार गुजरात में बाढ़ आने से परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है। गैस पहुंचने में देरी होने से लोगों के घर पर समय पर सिलेंडर पहुंचने में मुश्किल हो रही है।

एचपी के है सबसे ज्यादा उपभोक्ता

नागपुर जिले में एचपी, इंडेन व बीपीसीएल के उपभोक्ता है, लेकिन सबसे ज्यादा एचपीसीलए के उपभोक्ता हैं। जिले (शहर व ग्रामीण) में एचपीसीलए की लगभग 80 गैस वितरक है, वहीं इंडेन व पीपी के मिलाकर भी इतना आंकडा नहीं है। सबसे ज्यादा असर एचपी के गैस उपभोक्ताओं को हो रहा है।

खपत बढ़ने का असर हुआ है

अभय अवचार, सेल्स मैनेजर एचपीसीएल के मुताबिक गणेशोत्सव में भोजन व महाप्रसाद के आयोजन काफी बढ़ जाते हैं। अचानक गैस सिलेंडर की मांग काफी मात्रा में बढ़ गई है। इसीतरह मुंबई व गुजरात में हुई भारी बारिश से भी परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है। पहले दो दिन में सिलेंडर की डिलिवरी होती थी, अब 4 दिन में हो रही है। जिन वितरकों द्वारा डिलिवरी में एक सप्ताह का समय लगाया जा रहा है, वह उनकी अपनी समस्या है। जैसे गाडी खराब होना, ड्राइवर छुट्टी पर रहना या खापरी प्लांट से माल कम उठाने जैसे कारण है। जहां तक कंपनी का सवाल है, बहुत लंबी वेटिंग नहीं है। यह स्थिति भी दो दिन में सामान्य हो जाएगी।


Created On :   12 Sept 2024 2:22 PM GMT

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