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नागपुर: आईएसओ का दर्जा प्राप्त वानाडोंगरी पशु चिकित्सालय की हालत दयनीय, राम भरोसे काम
- नहीं दिया जा रहा ध्यान
- किसी समय प्रथम श्रेणी का दर्जा था
- रहवासियों के क्वार्टर की हालत जर्जर
डिजिटल डेस्क, हिंगना. तहसील में वानाडोंगरी, रायपुर, हिंगना, संगम, खैरी आदि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खेती होती थी। इस कार्य को मवेशियों (बैलों) द्वारा किया जाता था, जिसके चलते क्षेत्र में हर किसान के पास बैल जोड़ी रहा करती थी। मवेशियों की तबीयत खराब होने पर उन्हें इलाज के लिए समीप के शासकीय पशु चिकित्सालय में ले जाया जाता था। नागपुर शहर का विस्तार हुआ, तो ग्रामीण क्षेत्रों के कई इलाके आगोश में आ गए। हिंगना तहसील का शहर से लगा हिंगना एमआईडीसी सहित वानाडोंगरी आदि क्षेत्रों में भी विस्तार हुआ है। यहां खेती में ले-आउट डाल कर बेच दिए गए। आज यहां बड़ी संख्या में लोग घर बनाकर रह रहे हैं। वानाडोंगरी नगर परिषद बनाया गया। खेती कम होने से मवेशियों की संख्या में बेहद कमी आई है, जिसके चलते आज पशु चिकित्सालय में सन्नाटा देखने को मिलता है। इस पशु चिकित्सालय की स्थिति दयनीय हो चुकी है।
किसी समय प्रथम श्रेणी का दर्जा था
किसी वक्त में वानाडोंगरी का पशु चिकित्सालय को प्रथम श्रेणी में आईएसओ का दर्ज दिया गया था। आज उसी पशु चिकित्सालय की स्थिति बद से बदतर है। कभी यहां इलाज के लिए मवेशियों का जमावड़ा लग रहता था। वहीं आज दिन भर में दस से पंद्रह छोटे जानवर ही इलाज के लिए लाए जाते हैं। इस अस्पताल में एक डॉक्टर और तीन कर्मचारी कार्यरत हैं। सरकार की ओर से दवाइयां भी आती हैं, लेकिन इलाज के लिए मवेशी या जानवर नहीं आते। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां कार्यरत डॉक्टर और कर्मचारी मवेशी पालक के घर जाकर निजी इलाज करते हैं और सरकारी दवाइयां देकर मोटी रकम वसूलते हैं।
गंदगी से भरी पानी की टंकी
अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मवेशी और जानवरों को पानी पीने के लिए टाका बनाया गया है। टाके में पानी भी भरा है, लेकिन पानी पूरी तरह खराब हो गया है। पानी से बदबू आ रही है। विगत कई महीनों से टाके की सफाई कर पानी को बदला भी नहीं गया है। पानी में जंतु भी हो गए हैं। जिसके चलते बड़े पैमाने में मच्छर हो गए हैं। अस्पताल के आसपास की आबादी बड़े पैमाने पर इन मच्छरों से पीड़ित है।
रहवासियों के क्वार्टर की हालत जर्जर
अस्पताल में कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के लिए क्वार्टर हैं। लेकिन इन क्वार्टर हालत बेहद जर्जर है। कोई भी यहां रह नहीं सकता। ऐसी स्थिति होने के बावजूद भी संबंधित विभाग के अधिकारी इस ध्यान नहीं देते। स्थानीय लोगों का सवाल है कि क्या इस पशु चिकित्सालय को ध्वस्त कर दिया जाएया फिर इसका उद्धार किया जाए। परिसर में काफ़ी कचरा फैला हुआ है।
Created On :   11 Jun 2024 7:12 PM IST