खतरा: इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन की सुविधा शुरू नहीं होने से रद्द हुआ ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन

इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन की सुविधा शुरू नहीं होने से रद्द हुआ ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन
  • 2 साल में केवल एक बार किया था क्रेडिट कार्ड का उपयोग
  • क्रेडिट कार्ड की जानकारी केवल बैंक और एनआईटी के पास थी
  • जानकारी लीक होना संशयास्पद

डिजिटल डेस्क, नागपुर । ऑनलाइन फ्रॉड के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। प्रशासन की इन पर कोई लगाम नहीं है। यही कारण है कि, इनके हौसले बुलंद हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में प्रकाश में आया है, जिसमें शहर के एक आईटी प्रोफशनल के मोबाइल पर क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का मैसेज आया। क्रेडिट कार्ड में इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन की सुविधा शुरू नहीं होने के कारण यह ट्रांजेक्शन डिक्लाइन हो गया। आईटी प्रोफेशनल सुमित पाठक ने बताया कि, इंडसंड बैंक का क्रेडिट कार्ड उनके पास पिछले 2 साल से है, लेकिन इस दौरान उन्होंने केवल एक बार इस कार्ड का उपयोग एनआईटी ग्राउंड रेट भरने के लिए किया था। क्रेडिट कार्ड की जानकारी केवल बैंक और एनआईटी के पास थी, ऐसे में उनकी जानकारी लीक होना संशयास्पद है। उन्होंने बताया कि, यह ट्रांजेक्शन दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर रद्द हुआ और उन्हें 1 बजकर 20 मिनट पर मैसेज मिला।

नहीं तो, लग जाती लाखों की चपत : सुमित ने बताया कि, उन्हाेंने इस क्रेडिट कार्ड का केवल 1 बार उपयोग किया है, इसलिए इसमें उन्होंने ऑनलाइल ट्रांजेक्शन की सुविधा शुरू नहीं की है। यदि यह सुविधा शुरू होती, तो आज उन्हें लाखों की चपत लग सकती थी। इस कार्ड के माध्यम से 15.75 अमेरिकी डाॅलर (1315.73 रुपए) का ई-कॉम ट्रांजेक्शन किया गया था।

बैंक और एनआईटी के पास थी कार्ड की जानकारी उन्होंने बताया कि, इस कार्ड की जानकारी इंडसंड बैंक और एनआईटी के पास थी। यह जानकारी इन दोनों में से किसी एक ने लीक की होगी। यदि इन दोनों में से किसी एक के पास से जानकारी लीक हुई है, तो यह बहुत गंभीर बात है। ऐसे में तो सरकारी कार्यालयों में भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करना सुरक्षित नहीं है।

अभी किसी से शिकायत नहीं की है : सुमित पाठक ने बताया कि, इस मामले की शिकायत अभी उन्होंने किसी से भी नहीं की है। यदि मैं शिकायत करने जाता भी हूं, तो कोई सहयोग नहीं करेगा।

Created On :   18 Jun 2024 9:01 AM GMT

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