- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- जिले के बड़े बांध हुए लबालब, मध्यम...
नागपुर: जिले के बड़े बांध हुए लबालब, मध्यम श्रेणी के भी 6 बांधों में शत प्रतिशत जल भरा
- तीन जिलों के बांधों में भी जलस्तर बढ़ोतरी
- भारी बरसात से बांधों का जलस्तर अपने उफान पर आ गया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सप्ताह भर से जिले में भारी बरसात से बांधों का जलस्तर अपने उफान पर आ गया है। जिले के सबसे बड़े बांध तोतलाडोह में जलसंचय 86.30 फीसदी हो गया है। इस बांध की कुल संचय क्षमता 1016.88 दशलघमी है, लेकिन भारी बरसात के चलते 877 दशलघमी संचय हो गया है। वहीं दूसरी ओर कामठी खैरी शत प्रतिशत भर गया है। अन्य तीन बड़े बांधा में रामटेक खिंडसी और नांद बड़गांव में भी खासा जलसंचय हो चुका है। जिले के पांचों बड़े बांधों में 80 फीसदी से अधिक जलसंचय दर्ज किया गया है। इन बांधों में से कामठी खैरी से 2 गेट से 63.36 क्यूमेक्स जलविसर्ग, नांद के 5 गेट से 52.35 क्यूमेक्स और वड़गांव के 2 गेट खोलकर 42.22 क्यूमेक्स जलविसर्ग किया जा रहा है। जिले के मध्यम स्तर के 12 बांधों में से 6 भी पूरी तरह से लबालब हो गए है। ऐसे में अब साल भर के लिए पर्याप्त जलसंचय रहने की उम्मीद है। जिले में जारी भारी बरसात के चलते बांधों में खासा जलसंचय बन गया है। जिले के मध्यम स्तर के 6 बांध भी शत प्रतिशत लबालब हो गए है, इनमें चंद्रभागा, मोरधाम, कान्होलीबारा, पांढराबोड़ी, मकरधोकड़ा और सायकी का समावेश है। इन बांधों से भी जलविसर्ग आरंभ कर दिया गया है, जबकि उमरी, वेणा, जाम में भी 85 फीसदी से अधिक जलसंचय हो गया है। पिछले सप्ताह तक जिले के मध्यम स्तर के 12 बांधों में 124.67 दशलघमी जलसंचय पाया गया था, लेकिन सप्ताह भर की बरसात में स्तर बढ़ कर 179.91 दशलघमी पहुंच गया है।
तीन जिलों के बांधों में भी जलस्तर बढ़ोतरी
जिले के साथ ही संभाग में गोंदिया के इटियाडोह बैरेज में जलस्तर बढ़ने पर 119.96 क्यूमेक्स जलविसर्ग आरंभ कर दिया गया है। इसके साथ ही सिरपूर और पुजारी टोला के भी गेट को खोलने की नौबत आ गई है। चंद्रपूर में आसोलामेंढा के शत प्रतिशत लबालब होने के साथ ही 65.64 क्यूमेक्स जलविसर्ग आरंभ कर दिया गया है। गड़चिरोली के दीना प्रोजेक्ट और चंद्रपूर के आसोलामेंढा में भी शत प्रतिशत जलसंचय हो गया है। पिछले सप्ताह भर से लगातार बरसात के बाद भी लगातार जलविसर्ग होने से संभाग समेत जिले में संभावित बाढग्रस्त इलाके के रूप में कोई भी क्षेत्र को चिन्हित नहीं किया गया है।
Created On :   2 Aug 2024 5:16 PM IST